भारत को फिर मिली यूनेस्को बोर्ड की सदस्यता, 4 वर्ष का होगा कार्यकाल

भारत को फिर मिली यूनेस्को बोर्ड की सदस्यता, 4 वर्ष का होगा कार्यकाल संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को में भारत को एक बार फिर कार्यकारी बोर्ड का सदस्य चुना गया है। बुधवार को यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों का चयन किया गया।

भारत के यूनेस्को में स्थाई प्रतिनिधि मंडल ने ट्वीट करते हुए भारत के चयन की खबर देते हुए कहा कि भारत को साल 2021 से 25 तक के लिए यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड का सदस्य चुने जाने के पक्ष में 164 वोट पड़े हैं। भारत को प्रशांत राज्यों एवं एशियाई समूह के लिए फिर से चुना गया है। इसमें जापान, फिलिपींस ,आईलैंड, चीन और वियतनाम भी शामिल है।

भारत के यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड में चुने जाने पर प्रसन्नता जताते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर यूनेस्को में भारत के स्थाई प्रतिनिधि मंडल एवं विदेश मंत्रालय के कार्य की सराहना की। एस जयशंकर ने ट्वीट करते हुए कहा कि यूनेस्को में भारत के स्थाई प्रतिनिधि मंडल एवं विदेश मंत्रालय ,आपने बेहतरीन काम किया।

संस्कृति एवं विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भी भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करते हुए सहयोग देने वाले देशों का धन्यवाद दिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत ने यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड में जगह बना ली है। हमारी उम्मीदवारी का समर्थन करने वाले सभी सदस्य देशों को हार्दिक बधाई और उनका धन्यवाद।

याद रहे कि भारत के अलावा ग्रुप 4 एशिया एवं प्रशांत देश से वियतनाम ,फिलीपींस, जापान और चीन भी कार्यकारी बोर्ड के सदस्य चुने गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के संवैधानिक तीन अंगों में यूनेस्को का कार्यकारी बोर्ड भी शामिल है जिसे जनरल कॉन्फ्रेंस चुनती है। जनरल कॉन्फ्रेंस के अधीन काम करने वाला यह बोर्ड संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रमों एवं महानिदेशक द्वारा प्रस्तुत किए गए संबंधित बजट अनुमानों की जांच करता है।

यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड में 58 सदस्य देश हैं जिनका कार्यकाल 4 वर्ष का होता है। यूनेस्को में कुल सदस्य देशों की संख्या 193 है। भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूत रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। जिसमें कई महत्वपूर्ण समितियों के अध्यक्षता करने का जिम्मा भी भारत को मिला है। अगस्त में ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाली थी जो दुनिया की सबसे शक्तिशाली संस्थाओं में से एक है।

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