रूस की चाल में फंसा पश्चिमी जगत, रूबल में व्यापर नहीं किया तो होगा नुकसान
रूस यूक्रेन संकट के बीच अमेरिका और पश्चिमी जगत के प्रतिबंधों को झेल रहे रूस ने बड़ी चाल चलते हुए पश्चिमी जगत को अजीब दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है। अपनी ऊर्जा जरूरत के लिए रूस पर निर्भर रहने वाले पश्चिमी देशों को रूस ने जोर का झटका देते हुए कहा है कि रूसी गैस खरीदने वाले पश्चिमी देशों को भुगतान करने के लिए रूबल खाता रखना अनिवार्य होगा।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कहा कि यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देशों समेत वह देश जो हमारे मित्र देशों में नहीं गिने जाते उनके लिए अप्रैल महीने से गैस का भुगतान करने के लिए रूबल खाते हैं रखना अनिवार्य होगा। बता दें कि यूक्रेन युद्ध के कारण पश्चिमी देशों ने रूस पर गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं। इन प्रतिबंधों के कारण विदेशों में स्थित रूस की संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है। यही नहीं रूस के कारोबारी जगत एवं उनकी संपत्तियों, कंपनियों को भी ब्लैक लिस्ट किया गया है।
अमेरिका ने रूस से तेल और गैस के आयात पर पाबंदी लगा दी है हालांकि पश्चिमी जगत ने अभी तक मास्को से आपूर्ति को बरकरार रखा है। पिछले वर्ष यूरोपीय संघ ने अपनी ऊर्जा जरूरतों का 40% आयात रूस से ही किया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूस की दिग्गज ऊर्जा कंपनी गज़प्रोम की सहायक कंपनी गज़प्रोम बैंक सारे लेनदेन को देखेगी ।
रूस से ईंधन खरीदने वाले देश गज़प्रोम बै़क को भुगतान करेंगे जिसे यह बैंक रुबल में बदल देगा और खरीदार के खाते रुबल की रूप में यह रकम स्थांतरित हो जाएगी। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक उच्च स्तरीय मीटिंग के बाद कहा है कि विदेशी आयातकों को रूसी बैंकों में रूबल खाते खोलने चाहिए। 1 अप्रैल से शुरू होने वाली गैस के लिए रूबल में भुगतान किया जाएगा।
पुतिन ने कहा कि अगर इस तरह से भुगतान नहीं किया जाता है तो हम इसे अपने खरीदारों की ओर से आने वाले सभी परिणामों एवं दायित्वों का उल्लंघन मानेंगे। कोई भी हमें मुफ्त में कुछ नहीं बेचता है और हम भी चैरिटी का काम नहीं करने जा रहे हैं, अगर इस तरह भुगतान नहीं किया जाता है तो उसका मतलब यह है कि मौजूदा अनुबंधों को रोका जा रहा है।

