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इंग्लिश चैनल में प्रवासियों की नाव पलटी 31 की मौत , कई लापता

सांकेतिक तस्वीर

सांकेतिक तस्वीर

इंग्लिश चैनल में प्रवासियों की नाव पलटी 31 की मौत , कई लापता ब्रिटेन जा रहे कम से कम 31 प्रवासियों की उस समय मौत हो गई जब इंग्लिश चैनल पार करते हुए एक नौका डूब गई।

इंग्लिश चैनल में प्रवासियों को लेकर जा रही इस नौका के डूबने से 31 लोगों की मौत हो गई है। इंग्लिश चैनल में हुई इस दुर्घटना को प्रवासियों के खतरनाक पलायन से जुड़ी अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी बताते हुए फ्रांस के गृहमंत्री ने कहा है कि इस नौका पर 34 लोगों के सवार होने की खबर थी। फ्रांस अधिकारियों ने बुधवार तक 31 शव तलाश लिए हैं जिनमें 5 महिलाएं और 1 बच्ची शामिल है जबकि 2 लोगों को जीवित बचा लिया गया है जबकि अभी कुछ लोगों के लापता होने की खबर है।

दुर्घटना का शिकार हुए यह प्रवासी किस देश से संबंधित है इसको लेकर भी अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। ब्रिटेन की ओर अच्छे जीवन पाने की आस लिए पलायन करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। गरीबी से निजात , जिंदगी से संघर्ष और बेहतर जीवन की आस में लोग अपना बहुमूल्य जीवन खतरे में डालकर फ्रांस से समुद्र के रास्ते ब्रिटेन जाने के लिए नाव से सफर कर रहे हैं जो बेहद खतरनाक है।

हादसे में जिंदा बच जाने वाले यात्रियों की तलाश में फ्रांस और ब्रिटेन ने मिलकर देर रात तक एक खोज अभियान चलाया लेकिन कोई खास सफलता नहीं मिल सकी है। फ्रांस के गृहमंत्री गेराल्ड दारमैनिन ने फ्रांस के तटीय शहर कैलिस में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दुर्घटना का शिकार हुई नाव से जुड़े होने के संदेह में 4 संदिग्ध तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि उनमें से 2 को ही बाद में अदालत में पेश किया गया।

संदिग्ध तस्करों के खिलाफ अदालत में संगठित अवैध प्रवास और हत्या जैसे कई आरोपों की जांच शुरू कर दी गई है। फ्रांस के अधिकारी दुर्घटना का शिकार होने वाले लोगों की पहचान, उनकी उम्र और राष्ट्रीयता की जांच करने में जुटे हुए हैं। यात्रियों के बारे में अधिक जानकारी सामने आए तो इस जांच में कई देशों को शामिल किया जा सकता है।

फ्रांस के गृहमंत्री ने पूर्व में भी प्रवासियों से संबंधित ऐसी घटनाओं को मद्देनज़र रखते हुए अपराधिक तस्करों पर हमला बोलते हुए कहा कि वह हजारों लोगों का जीवन खतरे में डालते हैं। इस घटना में जीवित बचने वाले लोगों का हाल जानने के लिए दारमैनिन हॉस्पिटल भी पहुंचे। वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने इस घटना पर संकट समिति की बैठक बुलाई है। दोनों देशों के बीच प्रवासियों के पलायन को रोकने के मुद्दे पर काफी समय से कोई सहमति नहीं बन पाई है और दोनों देश एक दूसरे पर इस संबंध में आरोप लगाते रहे हैं।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा कि मैं इस घटना से हैरान हूं और मुझे गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने फ्रांस से अपील की कि वह इंग्लिश चैनल के माध्यम से प्रवासियों के पलायन को रोकने के लिए उचित प्रयास करें। बुधवार की घटना भी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि फ्रांस अपने समुद्री तटों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहा है। हम तस्करों के बिजनेस मॉडल को तोड़ने के लिए फ्रांस के साथ मिलकर काम करने की इच्छुक हैं

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