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ब्रिटेन में कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या हुई एक लाख, देश में क्रोध और शोक की लहर

लंदन: युनाइटेड किंगडम में कोविड 19 से होने वाली मौतों की संख्या 100,000 तक पहुंचने पर मृतकों के शोकाकुल परिजनों ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर सदी के बदतरीन स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए क्रोध व्यक्त किया।

चीन में फैला कोरोना वायरस जब युनाइटेड किंगडम में फ़ैल गया तो राष्ट्रपति ने लोगो को विश्वास दिलाया था कि इसको चंद हफ्तों में खत्म कर दिया जाएगा, लेकिन इसके बाद वहां 97,939 मौतें हुई, इसके बाद सरकार ने लॉकडाउन लगाना शुरू कर दिया लेकिन इसके बाद भी मृत्यु दर बढ़ता ही गया और ये व्यक्तिगत शोक से सामूहिक शोक में बदल गया।

रायटर्स के मुताबिक़ कुछ साइंटिस्ट्स और विपक्षी राजनीतिज्ञों का कहना है कि जॉनसन ने वायरस को फैलने से रोकने के लिए बहुत धीमी गति में काम किया है।

एक जांच के अंतर्गत रायटर्स ने बताया की किस प्रकार से ब्रिटिश सरकार द्वारा गलतियां की गई हैं, संक्रमण को पहचानने की धीमी गति, लॉकडॉउन लगाने में देरी और संक्रमित मरीजों को अस्पताल से छुट्टी देकर केयर होम में भेजना इन गलतियों में शामिल है।

इंग्लैंड के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने मार्च में महामारी के शुरुवाती चरण में कहा था कि फेस मास्क पहनने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है हालांकि बाद में 15 जून से सरकार ने लोगों के लिए फेस मस्क पहनना अनिवार्य कर दिया था।

ब्रिटिश अस्पताल जंग के मैदान की भांति हो गए थे जहां डॉक्टर और नर्सें मरीजों को संक्रमण से बचाने के लिए जंग कर रहे थे।

मिल्टन केय यूनिवर्सिटी अस्पताल में आईसीयू की सलाहकार जे हॉलिडे कहती हैं कि हमारे लिए मरीजों को अपने सामने मारता हुआ देखना बहुत दुखद होता है, ये हर किसी के लिए एक मुश्किल वक्त होता है।

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