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अफगानिस्तान फिर बन रहा है आतंकियों का ठिकाना, संयुक्त राष्ट्र ने चेताया

अफगानिस्तान फिर बन रहा है आतंकियों का ठिकाना, संयुक्त राष्ट्र ने चेताया

तालिबान के सत्ता में आने के बाद एक बार फिर अफगानिस्तान चरमपंथियों के लिए सुरक्षित ठिकाने के रूप में बदल रहा है।

अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान की वापसी के साथ ही यह देश एक बार फिर चरमपंथियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह साबित हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा है कि अलकायदा के साथ तालिबान के पूर्व संबंधों के कारण यह देश चरमपंथियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन रहा है।

आतंकवादी संगठनों की हालिया गतिविधियों को देखें तो उनके लिए अफगानिस्तान में पहले से अधिक स्वतंत्रता पाई जा रही है। संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्लामिक स्टेट और अलकायदा समूह से जुड़े चरमपंथी अफ्रीका विशेषकर अशांत क्षेत्रों में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सीरिया और इराक में ग्रामीण स्तर पर अब भी आईएसआईएस के आतंकी सक्रिय हैं। वहीं फिलीपीन और इंडोनेशिया में सरकार कड़ाई से आईएस और अलकायदा से जुड़े आतंकवादियों से निपटने में सफल रही है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में इस्लामिक स्टेट और अलकायदा के खिलाफ लगे प्रतिबंधों की निगरानी करने वाली कमेटी ने कहा है कि नाटो और अमेरिका ने 20 वर्ष बाद अफगानिस्तान से अराजकता भरी स्थिति में वापसी की। 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हुआ तब से 2021 के अंतिम 6 महीनों में कई अहम घटनाएं हुई हैं।

तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण के बाद से ही देश विदेश में आतंकवादियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कोई प्रभावी कदम उठाया हो ऐसे कोई संकेत तो नहीं मिले हैं, बल्कि इसके विपरीत आतंकवादी संगठन स्वतंत्रता का आनंद उठा रहे हैं। हालांकि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने अफगानिस्तान में विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी की कोई जानकारी नहीं दी है।

अपनी रिपोर्ट में अलकायदा और तालिबान के संबंधों का उल्लेख करते हुए इस कमेटी ने कहा है कि 31 अगस्त को अलकायदा की ओर से तालिबान को उसकी जीत पर बधाई देते हुए एक बयान जारी किया गया था लेकिन उसके बाद से ही दोनों तरफ से एक रणनीतिक चुप्पी सधी गई है। संभवत यह इसलिए है कि तालिबान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने शासन को मान्यता प्राप्त करने में कोई कठिनाई ना हो।

सुरक्षा परिषद को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में समिति ने अल कायदा प्रमुख ऐमन अल जवाहिरी के जिंदा होने का उल्लेख करते हुए कहा कि जनवरी 2021 में अलकायदा प्रमुख के जिंदा होने की जानकारी मिली थी लेकिन साथ ही यह भी कहा गया है कि उसकी हालत बेहद खराब है।

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