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कमरतोड़ महंगाई से पस्त है ब्रिटेन, बढ़ती कीमतों ने किया लोगों को बेहाल

कमरतोड़ महंगाई से पस्त है ब्रिटेन, बढ़ती कीमतों ने किया लोगों को बेहाल

ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई ने पिछले 40 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। ब्रिटेन में कंज़्यूमर प्राइस इंडेक्स बुधवार को 10.1 प्रतिशत पर पहुंच गई। महंगाई बढ़ने के पीछे ताज़ा कारण खाने की वस्तुओं की क़ीमतों में हुई बढ़ोतरी दिखाई दे रही है। ब्रिटेन के लोग महंगाई की मार को झेलते हुए खाने पीने की चीज़ों के लिए दूसरे विकल्प की तरफ बढ़ रहे है।

हालाँकि इस बढ़ती महंगाई की असल वजह रूस द्वारा यूक्रेन के दो प्रान्तों को अलग राष्ट्र के मान्यता देने के फैसले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन समेत जर्मनी द्वारा लगाए कई बड़े प्रतिबंध है। जिसकी वजह से खुद यूरोप और अमेरिका भी में आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसकी वजह से यूरोप को भी बढ़ती महंगाई से जूझना पड़ रहा है।

ग़ौरतलब बात ये है कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए बिगड़ती सूरत बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा इस वर्ष के अंत से 15 महीने के संकुचन के इस महीने की चेतावनी के बाद सामने आयी है जो अन्य बड़ी यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं और अमेरिका के दृष्टिकोण से भी बदतर अवस्था में दिखाई दे रहे है।

ब्रिटेन की बढ़ती महंगाई से जूझ रही जनता को देखते हुए लंदन के मेयर सादिक़ खान ने ब्रिटेन सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है कि “हमने इससे पहले ऐसा कुछ नहीं देखा था। हम एक ऐसी सर्दी का सामना कर रहे हैं जहां लाखों लोगों के लिए ये गर्म करने या खाने पीने के बीच चयन करने के बारे में नहीं होगा, लेकिन अफसोसनाक तौर पर न तो ये बर्दाश्त करने के क़ाबिल भी नहीं है। ऐसा नहीं हो सकता है। सरकार को कदम उठाने की ज़रूरत है ताकि लोग अपनी बुनियादी ज़रूरतों को पूरा कर सकें।

साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मैं सरकार से ऊर्जा मूल्य सीमा में किसी भी वृद्धि को रोकने के लिए गुज़ारिश सुनने की प्रार्थना करता हूं। लाइफलाइफ टैरिफ की शुरुआत का मतलब होगा कि सबसे कमजोर परिवारों की बुनियादी ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जाएगा, जिससे उन्हें इस सर्दी में दिल दहला देने वाले फैसलों से बचाया जा सकेगा।”

इस महीने कई सामानों की क़ीमतों में बढ़ोतरी ने एक बार फिर महंगाई दर बढ़ा दी है। खाने पीने की सामग्री से लेकर फैक्ट्री के सामान साथ साथ पेट्रोल गैस की ही बढ़ती जा रही हैं जो कि जनता के लिए इस तरह है कि चाहे जितनी महंगाई बढ़ जाये लेकिन लोग यही कहें कि “थोड़ा सह लेंगे”। लेकिन सरकार के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाएंगे।

ताज़ा आंकड़े बता रहे है कि अब ब्रिटेन के जनता ब्रिटिश सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे सरकार पर संकट झेल रहे परिवारों की मदद करने का दबाव बढ़ेगा। हालांकि ग्रीस में छुट्टियां मना रहे जाने वाले प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की तरफ़ से किसी नई पॉलिसी की घोषणा की उम्मीद नहीं है जब तक कि 5 सितंबर के बाद 10 डाउनिंग स्ट्रीट को नया प्रधानमंत्री नहीं मिल जाता है।

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