ISCPress

म्यांमार, फेस ऑफ बुद्धिस्ट टेरर, संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि को कहा था वेश्या

म्यांमार, फेस ऑफ बुद्धिस्ट टेरर, संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि को कहा था वेश्या म्यांमार की सैन्य सरकार ने बौद्ध भिक्षु अशीन विराथु को रिहा कर दिया है।

म्यांमार के बौद्ध भिक्षु आशीन विराथू को बौद्धिस्ट बिन लादेन कहा जाता है। वह अपने मुस्लिम विरोधी बयानों एवं हिंसा के लिए उकसाने के चलते बेहद विवादित है।

इस आतंकी को म्यांमार की लोकतांत्रिक सरकार ने राष्ट्रद्रोह के आरोप में जेल में डाल दिया था लेकिन म्यांमार में तख्तापलट के बाद सैन्य सरकार ने आशीन विराथू को आजाद कर दिया है।

14 साल की आयु में ही स्कूल छोड़ कर भागने वाले विराथु ने कहने को तो भिक्षु का जीवन अपना लिया था। 2001 में इस भिक्षु ने मुस्लिम विरोधी संगठन 969 से जुड़ने का फैसला किया। 969 आतंकी संगठन ने मुस्लिमों का सामूहिक बहिष्कार करने की अपील करते हुए मुस्लिम दुकानदारों से लेनदेन बंद करने की मुहीम चलाई।

यह संगठन बौद्धिस्ट लोगों के मकानों की पहचान करने के लिए उनके घर के बाहर 969 लिख देता था। 2003 में भी विराथु को विवादों एवं इन हरकतों के कारण जेल में डाल दिया गया था। लेकिन 2010 में कई राजनीतिक दलों के साथ उसकी भी रिहाई हो गई।

2012 में म्यांमार के राखीं प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़काने और भड़काऊ भाषणों के कारण विराथु को एक विशेष संप्रदाय में काफी लोकप्रियता मिली और कट्टरवादी लोगों का समर्थन भी मिला।

अमेरिका की विख्यात टाइम मैगजीन ने 2013 में उसे अपने कवर पेज पर जगह देते हुए टाइटल दिया था “फेस ऑफ बुद्धिस्ट टेरर”।

म्यांमार सेना का समर्थक समझा जाने वाला विराथु रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहता है। कुछ साल पहले संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि यांग ली को आशीन विराथू ने वेश्या कहकर बुलाया था जिसके बाद विश्व स्तर पर उसकी जमकर आलोचना हुई थी।

इस बौद्ध आतंकी पर लगे सभी आरोपों को म्यांमार की सैन्य सरकार ने हटाते हुए उसे जेल से रिहा कर दिया है। हालांकि इस पर लगाए गए आरोपों को हटाने का कोई कारण नहीं बताया गया है।

कहा जा रहा है कि विराथु एक मिलिट्री अस्पताल में ट्रीटमेंट ले रहा है लेकिन उसके स्वास्थ्य को लेकर सरकार की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया है।

कुछ साल पहले वह सेना समर्थकों की रैली में लोकतांत्रिक सरकार और आंग सान सू की के खिलाफ जमकर बयानबाजी करते हुए देखा गया था। 2019 में म्यांमार सरकार के खिलाफ नफरत भड़काने के आरोप में उसे जेल में डाल दिया गया था।

Exit mobile version