अमेरिकी आक्रामकता के खिलाफ वेनेज़ुएला की सेना का कड़ा रुख
वेनेज़ुएला की सशस्त्र सेनाओं ने गुरुवार तड़के अमेरिका के राष्ट्रपति की धमकियों को सिरे से खारिज करते हुए देश की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। वेनेज़ुएला के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि देश की सेना किसी भी प्रकार के बाहरी दबाव, सैन्य धमकी या हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगी।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी फ़ार्स के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका उद्देश्य वेनेज़ुएला की संप्रभुता को कमजोर करना है। बयान में कहा गया कि वेनेज़ुएला की राष्ट्रीय सशस्त्र सेनाएं देश की सीमाओं, प्राकृतिक संसाधनों और जनता की सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
समाचार एजेंसी स्पुतनिक के हवाले से जारी बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 16 दिसंबर को दिए गए बयानों की कड़ी निंदा की गई। बयान में कहा गया कि ट्रंप ने खुले तौर पर वेनेज़ुएला के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की धमकी दी और वेनेज़ुएला के तेल टैंकरों को जब्त करने के उद्देश्य से पूर्ण समुद्री नाकेबंदी का आदेश देने की बात कही। वेनेज़ुएला के रक्षा मंत्रालय ने इस कदम को “खुली समुद्री डकैती” करार दिया।
बयान में यह भी कहा गया कि अमेरिका द्वारा बल प्रयोग की धमकियों में वृद्धि का मुख्य उद्देश्य वेनेज़ुएला में शासन परिवर्तन कराना और देश के तेल सहित अन्य रणनीतिक संसाधनों पर क़ब्ज़ा जमाना है। रक्षा मंत्रालय ने आरोप लगाया कि अमेरिका आर्थिक और सैन्य दबाव के माध्यम से वेनेज़ुएला को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है।
वेनेज़ुएला के रक्षा मंत्रालय ने आगे कहा कि अमेरिका “मोनरो सिद्धांत” को पुनर्जीवित कर पश्चिमी गोलार्ध में अपना नव-औपनिवेशिक प्रभुत्व स्थापित करना चाहता है। मंत्रालय ने दोहराया कि वेनेज़ुएला की सशस्त्र सेनाएं संविधान के अनुरूप देश की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

