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अमेरिकी सरकार के शटडाउन से, अर्थव्यवस्था को अरबों डॉलर नुक़सान का ख़तरा

अमेरिकी सरकार के शटडाउन से, अर्थव्यवस्था को अरबों डॉलर नुक़सान का ख़तरा

अमेरिका की संघीय सरकार का शटडाउन लगातार तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है और इसके कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह स्थिति लंबी चली, तो हर हफ़्ते देश की अर्थव्यवस्था को लगभग 7 अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है।

दरअसल, सीनेट और प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेज़ेंटेटिव्स) के बीच खर्चों से संबंधित विधेयक (स्पेंडिंग बिल) को लेकर गहरी खींचतान जारी है। गुरुवार को सीनेट की बैठक तो हुई, लेकिन सरकारी अवकाश होने के कारण मतदान नहीं हो सका। सीनेट लीडर जॉन थून ने साफ़ किया कि वीकेंड पर मतदान की संभावना बेहद कम है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शटडाउन अगले हफ़्ते तक खिंच सकता है।

रिपब्लिकन और डेमोक्रेट, दोनों ही पार्टियां इस बिल के लिए ज़रूरी 60 वोट हासिल करने में असफल रही हैं। हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने कहा कि प्रतिनिधि सभा एक नया विधेयक तैयार कर रही है, जिसे अगले हफ़्ते सीनेट में पेश किया जाएगा। इसी बीच रिपब्लिकन सांसद सीनेट के कुछ स्वतंत्र और विपक्षी सदस्यों को अपने पक्ष में करने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहे हैं।

सीनेट में फिलहाल रिपब्लिकन के पास 53 और डेमोक्रेट्स के पास 45 सीटें हैं। दो स्वतंत्र सीनेटर — एंगस किंग और बर्नी सैंडर्स — अक्सर डेमोक्रेट्स का समर्थन करते हैं, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता। अतीत में मेन राज्य के सीनेटर एंगस किंग ने रिपब्लिकन डील के पक्ष में मतदान किया था, वहीं नेवादा की डेमोक्रेट सीनेटर कैथरीन कॉर्टेज मास्टो ने भी रिपब्लिकन प्रस्ताव का समर्थन किया था। यही वजह है कि रिपब्लिकन पार्टी इस बार भी इन स्वतंत्र और असंतुष्ट सदस्यों को साधने में लगी है।

हालाँकि, डेमोक्रेट्स का साफ़ कहना है कि रिपब्लिकन पार्टी को अफोर्डेबल केयर एक्ट (ओबामाकेयर) के लिए सब्सिडी बहाल करनी होगी और गैर-अमेरिकी नागरिकों के लिए की गई मेडिकेड कटौतियों को वापस लेना होगा। दूसरी ओर, कुछ डेमोक्रेट और स्वतंत्र सदस्यों का मानना है कि यदि गतिरोध नहीं टूटा तो शटडाउन और अधिक नुकसानदेह साबित होगा, इसलिए अस्थायी तौर पर रिपब्लिकन प्रस्तावों को स्वीकार करना पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का आकलन है कि हर हफ़्ते का शटडाउन अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर लगभग 7 अरब डॉलर का बोझ डालता है। यदि यह स्थिति लम्बी चली, तो सरकारी सेवाओं, कर्मचारी वेतन, बाज़ार और निवेशकों के विश्वास पर गहरा असर पड़ेगा। यही कारण है कि शटडाउन के मौजूदा संकट को लेकर अमेरिकी नागरिकों के साथ-साथ वैश्विक वित्तीय जगत भी चिंतित दिखाई दे रहा है।

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