संयुक्त राष्ट्र ने सूडान में बढ़ते मानवीय संकट पर गंभीर चेतावनी जारी की
संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों ने सूडान में बढ़ते मानवीय संकट पर गंभीर चेतावनी जारी की है। इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (IOM), यूएनएचसीआर, यूनिसेफ और वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में सूडान दुनिया के सबसे गंभीर आपातकालीन हालात वाले देशों में शामिल है। यहाँ 3 करोड़ से अधिक लोगों को तत्काल मदद की जरूरत है और लगभग 96 लाख लोग देश के भीतर बेघर हैं। विशेषकर डेढ़ करोड़ बच्चे भी खाद्य, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव का सामना कर रहे हैं।
हाल ही में सूडान दौरे के दौरान एजेंसियों के प्रमुखों ने खार्तूम, दारफूर और अन्य युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में तबाही का सीधा अनुभव किया। IOM की डिप्टी डायरेक्टर जनरल यूगोची डैनियल्स ने बताया कि लोग खार्तूम लौट रहे हैं, लेकिन शहर अभी भी युद्ध की चपेट में है, घर ध्वस्त हैं और बुनियादी सुविधाएँ गंभीर रूप से प्रभावित हैं। युद्ध ने देश की स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली को तहस-नहस कर दिया है। वर्तमान में 1.7 करोड़ स्कूल जाने योग्य बच्चों में से 1.4 करोड़ स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।
दूसरी ओर दारफूर और कोर्डोफान प्रांतों में लोग भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता से कट चुके हैं। यूनिसेफ के अनुसार, अल-फाशर में हैजा, डेंगी और मलेरिया जैसी बीमारियाँ फैल रही हैं और स्वास्थ्य केंद्र भी ध्वस्त हो चुके हैं। यूनिसेफ के डिप्टी एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर टेड चाइबान ने कहा कि बच्चे भूख, बीमारी और बुनियादी सुविधाओं के अभाव का सामना कर रहे हैं, और तत्काल वैश्विक कार्रवाई आवश्यक है।
यूएनएचसीआर की डिप्टी हाइ कमिश्नर केली टी. क्लेमेंट्स ने इस संकट को सबसे गंभीर सुरक्षा संकट बताया, जिसमें व्यापक स्तर पर बेघर होना और यौन हिंसा के बढ़ते जोखिम की चेतावनी शामिल है। इसके बावजूद, कुछ क्षेत्रों में लड़ाई कम होने के बाद 26 लाख से अधिक लोग अपने घरों को लौट चुके हैं, लेकिन अधिकांश ने अपने क्षेत्रों को तबाह और बुनियादी सुविधाओं को नाकारा पाया है।
सूडान के लिए ह्यूमैनिटेरियन रिस्पांस प्लान में केवल 25 प्रतिशत फंड ही जुटा है। राहत एजेंसियों ने अब तक 1.3 करोड़ लोगों तक पहुँच बनाई है, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि अगर और संसाधन नहीं मिले तो जीवन रक्षक सहायता में कमी हो सकती है। एजेंसियों ने तत्काल युद्ध-विराम, बिना बाधा के मानवीय सहायता, राहत कार्यों को आसान बनाने, तत्काल फंडिंग और बेघर और शरणार्थियों के लिए सतत सहयोग की अपील की है।
अप्रैल 2023 से सूडानी आर्म्ड फोर्सेस और रैपिड सपोर्ट फोर्सेस के बीच जारी युद्ध के कारण लगभग 9 मिलियन लोग देश के भीतर बेघर हुए हैं और 30 लाख से अधिक लोग पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं। यह वर्तमान समय में दुनिया का सबसे बड़ा आंतरिक मानवीय संकट बन चुका है।

