ग़ाज़ा युद्ध के लिए ट्रंप का छलावा, कहा ज़िंदा बचे क़ैदियों की संख्या 20 से भी कम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावा किया कि ग़ाज़ा पट्टी में रखे गए क़ैदियों में से शायद 20 से भी कम लोग ज़िंदा बचे हैं। उन्होंने बिना किसी सबूत या स्रोत के कहा कि “शायद कई क़ैदी मर चुके हैं।” यह बयान उसी झूठी राजनीति का हिस्सा है, जिसमें नेतन्याहू भी शामिल हैं। दोनों ही असलियत छुपाकर युद्ध को जायज़ ठहराना चाहते हैं।
फार्स न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस बयान ने क़ैदियों के परिवारों में कड़ी नाराज़गी पैदा की। क़ैदियों के परिवारों ने इन दावों को ग़ैर-ज़िम्मेदाराना बताते हुए अमेरिकी और इज़रायली सरकारों से सच्चाई बताने की मांग की है। उन्होंने अमेरिकी सरकार और इज़रायली कैबिनेट से मांग की है कि, वे क़ैदियों की सही और ताज़ा जानकारी पेश करें।
ट्रंप ने कहा: “अब उनके पास 20 लोग हैं, लेकिन ये 20 शायद पूरे 20 नहीं हैं, क्योंकि उनमें से कुछ अब ज़िंदा नहीं हैं।” उन्होंने अपने इस दावे के सबूत या स्रोत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी और कहा कि उनकी सरकार इन क़ैदियों की रिहाई के लिए “हर संभव कोशिश” कर रही है।
उन्होंने नेतन्याहू की बातों का समर्थन करते हुए यह भी कहा कि कई मामलों में सैन्य कार्रवाई, बातचीत की तुलना में “ज़्यादा सुरक्षित” विकल्प हो सकती है। साथ ही, ट्रंप ने दावा किया कि पिछले युद्ध-विराम समझौते में क़ैदियों की रिहाई में उनका “महत्वपूर्ण रोल” रहा था और कहा: “मैं ही वो शख्स हूं जिसने सारे क़ैदी छुड़वाए।”
यह बयान ऐसे समय आया है जब इज़रायली सेना, ग़ाज़ा शहर पर बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रही है। इज़्रया; के चैनल 12 की रिपोर्ट के मुताबिक़, यह ऑपरेशन सितंबर 2025 के मध्य (लगभग सितंबर के आख़िरी हफ़्ते) शुरू हो सकता है, जब 2 सितंबर (11 सितंबर 1404 हिजरी-शम्सी) को रिज़र्व फौजियों को बुलाया जाएगा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ग़ाज़ा शहर के क़रीब 10 लाख फ़िलिस्तीनी निवासियों को रविवार से इलाक़ा खाली करने का आदेश दिया गया है।

