ट्रंप ने एक बार फिर ब्रिक्स को दी धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति नेडोनाल्ड ट्रंप ने, एक बार फिर ब्रिक्स समूह पर शुल्क लगाने की धमकी दोहराई है और कहा कि “अगर यह समूह किसी वास्तविक और संगठित रूप में सामने आता है, तो इसे बहुत जल्द खत्म कर दिया जाएगा।”
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार रात ने डोनाल्ड ट्रंप ने कहा: “जब मैंने ब्रिक्स और उसके छह सदस्य देशों के बारे में सुना, तो मैंने इन पर तीखा हमला किया। अगर यह समूह सही ढंग से आकार लेता है, तो इसका अंत जल्दी हो जाएगा। हालांकि ट्रंप ने उन छह देशों के नाम नहीं बताए जिनकी वह बात कर रहे थे।
उन्होंने यह भी कहा कि, वह अमेरिकी डॉलर की वैश्विक रिज़र्व मुद्रा के तौर पर स्थिति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और अमेरिका में कभी भी डिजिटल करेंसी के लिए कोई केंद्रीय बैंक स्थापित नहीं होने देंगे।
हाल ही में ब्राज़ील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने कहा: “जहाँ जी-7 और जी-20 जैसे बड़े आर्थिक समूह ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ जैसी विभाजनकारी और विनाशकारी नीति के कारण निष्क्रिय हो चुके हैं, वहीं ब्रिक्स खुद को बहुपक्षीय कूटनीति का ठिकाना बताने की कोशिश कर रहा है, खासकर इस व्यापारिक युद्धों और टकरावों के दौर में। ट्रंप ने यह चेतावनी भी दी कि, वह ब्रिक्स की अमेरिका-विरोधी नीतियों का समर्थन करने वाले हर देश पर अतिरिक्त 10% टैरिफ (शुल्क) लगाएंगे।
उन्होंने आगे कहा: “ब्रिक्स कोई बड़ा ख़तरा नहीं है, लेकिन इस समूह की मंशा डॉलर को ख़त्म करना है। दुनिया की वित्तीय व्यवस्था को डॉलर से हटाना नहीं चाहिए। अगर ऐसा हुआ, तो यह एक विश्व युद्ध जैसी स्थिति पैदा कर देगा, और फिर अमेरिका पहले जैसी ताक़त नहीं रख पाएगा।”
ब्रिक्स समूह की स्थापना 2009 में हुई थी, जिसमें ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन शामिल थे। बाद में दक्षिण अफ्रीका भी इस समूह में शामिल हो गया। पिछले साल इस ब्लॉक ने मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को भी सदस्य के रूप में स्वीकार कर लिया।

