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वेनज़ुएला पर सैन्य कार्रवाई के करीब पहुँचे ट्रंप, अमेरिका ने भेजे 15 हज़ार सैनिक

वेनज़ुएला पर सैन्य कार्रवाई के करीब पहुँचे ट्रंप, अमेरिका ने भेजे 15 हज़ार सैनिक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह वेनज़ुएला में संभावित सैन्य कार्रवाई के फैसले के बहुत नज़दीक पहुँच चुके हैं। पिछले एक सप्ताह के भीतर कई उच्च-स्तरीय बैठकों, रक्षा तैयारियों में तेज़ी और इलाके में अमेरिकी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने के बाद यह संकेत और मजबूत हो गया है।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों ने ट्रंप के सामने वेनज़ुएला में सैन्य हस्तक्षेप से जुड़े कई विकल्प रखे हैं। इन विकल्पों में यह आकलन भी शामिल है कि यदि अमेरिका राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को सत्ता से हटाने की दिशा में कदम बढ़ाता है, तो उसके क्या रणनीतिक फायदे और संभावित खतरे होंगे।

अमेरिका ने क्षेत्र में पहले ही अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाते हुए एक दर्जन से अधिक लड़ाकू विमानों के साथ करीब 15 हजार सैनिक तैनात किए हैं। पेंटागन ने इन तैयारियों और संभावित अभियानों को “ऑपरेशन सदर्न स्पेयर” नाम दिया है, जिसे क्षेत्र के बड़े पैमाने पर सैन्य पुनर्संयोजन के रूप में देखा जा रहा है।

पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने स्वीकार किया कि उन्होंने “कुछ हद तक” अपना निर्णय कर लिया है, लेकिन अभी सार्वजनिक रूप से यह बताना नहीं चाहते कि आगे क्या कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि, वेनज़ुएला  में संभावित कार्रवाई का संबंध अवैध प्रवास और ड्रग्स तस्करी पर नियंत्रण से लेकर सत्ता परिवर्तन की संभावना तक कई कारकों से है।

इस सप्ताह ट्रंप को लगातार कई ब्रीफिंग्स दी गईं। बुधवार को रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन कीन ने राष्ट्रपति को मौजूदा स्थिति और जोखिमों पर विस्तृत जानकारी दी। गुरुवार को व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा टीम की बैठक हुई, जिसमें विदेश मंत्री मार्को रुबियो सहित वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

बैठक में ट्रंप को विभिन्न विकल्प प्रस्तुत किए गए, जिनमें वेनज़ुएला के सैन्य या सरकारी ठिकानों पर हवाई हमले, मादक पदार्थों की तस्करी के रूट्स पर सीधी कार्रवाई, और राष्ट्रपति मादुरो को सत्ता से हटाने के लिए लक्षित अभियान जैसी योजनाएँ प्रमुख रहीं। अमेरिका के इन संकेतों ने लैटिन अमेरिका और वैश्विक स्तर पर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है, जबकि वेनज़ुएला सरकार ने संभावित हस्तक्षेप को “संप्रभुता पर हमला” बताया है।

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