ट्रंप का दावा: शायद ईरान से भी समझौता हो जाए
अमेरिका के राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रंप ने इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस में अजीब दावा करते हुए कहा कि “शायद ईरान भी अब्राहम समझौते में शामिल हो सके।” ट्रंप ने बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में ग़ाज़ा में शांति समझौते का ज़िक्र करते हुए कहा: “आज का दिन बहुत बड़ा है। यह सभ्यता के सबसे बड़े दिनों में से एक है। किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि, ऐसा होगा। मुझे मध्य-पूर्व और इज़रायल के पड़ोसी देशों से जो समर्थन मिला, वह अद्भुत है।”
उन्होंने कहा कि क्षेत्र के साझेदारों और दोस्तों के साथ लंबे व व्यापक विचार-विमर्श हुए हैं और वह जल्द ही अपने शांति प्रस्ताव के विवरण को औपचारिक रूप से जारी करेंगे। ट्रंप ने ग़ाज़ा शांति योजना पर सहमति जताने के लिए नेतन्याहू का शुक्रिया अदा करते हुए कहा: “अगर हम मिलकर काम करें तो दशकों और सदियों से जारी मौत और तबाही को ख़त्म कर सकते हैं और सुरक्षा, शांति व समृद्धि का नया अध्याय खोल सकते हैं।”
उन्होने कहा कि, अगर हमास शांति योजना मान लेता है, तो यह कार्यक्रम सभी क़ैदियों की फ़ौरन रिहाई की मांग करेगा। ट्रंप ने कहा कि हमास भी शांति चाहता है और अब तक केवल वही पक्ष बचा है जिसने समझौते पर सहमति नहीं दी है। अगर हमास राज़ी नहीं होता, तो नेतन्याहू को उनका पूरा समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा शांति समझौते की देखरेख के लिए एक परिषद बनेगी, जिसमें ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी होंगे। ट्रंप ने कुछ यूरोपीय देशों द्वारा फ़िलिस्तीन को मान्यता देने पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि उन्होंने “बेवकूफ़ी” भरा फ़ैसला किया है।
उन्होंने नेतन्याहू का आभार व्यक्त करते हुए कहा: “इतिहास में इज़रायल का मुझसे बेहतर दोस्त कोई राष्ट्रपति नहीं रहा। उन्होंने आगे कहा कि, पिछली अमेरिकी सरकार में अब्राहम समझौतों पर कोई प्रगति नहीं हुई। “जो बाइडेन नींद में रहते थे, उन्हें पता भी नहीं था कि ये समझौते क्या हैं।”
ट्रंप ने आगे कहा:
मैंने पहले ही कहा था कि ईरान भी इन समझौतों का हिस्सा बनेगा, लेकिन मुझे नहीं पता था कि सब कुछ B-2 (बमवर्षकों) के साथ बदल जाएगा।” उन्होंने दावा किया कि अब इज़रायल के लिए दुश्मन बहुत कम बचे हैं और बहुत से देश उसकी लड़ाई और किए गए काम की वजह से उसका सम्मान करते हैं।
नेतन्याहू ने भी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में ट्रंप का धन्यवाद किया और ग़ाज़ा शांति योजना का स्वागत करते हुए कहा कि ट्रंप की योजना इज़रायली युद्ध के लक्ष्यों को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि, योजना के मुताबिक सभी इज़रायली क़ैदी – चाहे ज़िंदा हों या मृत – लौटाए जाएंगे, हमास को निरस्त्र किया जाएगा, ग़ाज़ा का सैन्यीकरण ख़त्म होगा, इज़रायल एक रक्षात्मक दायरे में रहेगा और ग़ाज़ा न तो हमास और न ही फ़िलिस्तीनी अथॉरिटी द्वारा चलाया जाएगा।
नेतन्याहू ने कहा कि संघर्ष-विराम लागू करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय निकाय, ग़ाज़ा के निरस्त्रीकरण की ज़िम्मेदारी लेगा और अगर वह सफल रहा तो जंग स्थायी तौर पर ख़त्म हो जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि, अगर हमास इस योजना को नकारता है तो इज़रायल “काम को ख़त्म कर देगा।”
नेतन्याहू ने आगे कहा: “इज़रायल के दुश्मनों ने सख़्त सच्चाई को समझ लिया है कि जो भी हम पर हमला करेगा, उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन जो हमारे साझेदार बनेंगे, उन्हें अपने लोगों के लिए तरक़्क़ी और सुरक्षा हासिल होगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि दोहा पर इज़रायली हमले में एक क़तरी नागरिक की मौत हुई, लेकिन हमारा निशाना आतंकियों को मारना था। उन्होंने बताया कि इस मामले पर क़तर के प्रधानमंत्री से बातचीत हो चुकी है। नेतन्याहू ने 7 अक्तूबर की घटनाओं को याद करते हुए कहा कि, इज़रायल हर वह क़दम उठाएगा ताकि ऐसे हमले फिर न हो सकें।

