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IAEA” ने ईरान से सभी परमाणु स्थलों तक पहुँच उपलब्ध कराने की माँग की 

IAEA” ने ईरान से सभी परमाणु स्थलों तक पहुँच उपलब्ध कराने की माँग की 

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि जून के हमलों में नष्ट हुई ईरानी परमाणु स्थापनाओं तक उसे अभी भी पर्याप्त पहुंच नहीं मिली है और तेहरान के संवर्धित यूरेनियम भंडार की पुष्टि में काफी देरी हो चुकी है।

विएना में आईएईए के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को संबोधित करते हुए महानिदेशक रफायल ग्रोसी ने कहा कि एजेंसी को तुरंत ईरान के कम और अत्यधिक संवर्धित यूरेनियम के भंडार का आकलन करने की आवश्यकता है, जिसकी निरीक्षक पिछले पाँच महीनों से पुष्टि नहीं कर पाए हैं।

ग्रोसी ने कहा कि सितंबर में काहिरा में निरीक्षण पर सहमति के बाद से वह ईरानी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं, और यदि समझौते को पूरी तरह लागू करना है तो अधिक रचनात्मक सहयोग की आवश्यकता है। उनके बयान अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन की उस संयुक्त कोशिश के अनुरूप हैं जिसमें एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया गया है, जिसमें मांग की गई है कि ईरान आईएईए के साथ पूर्ण सहयोग फिर से शुरू करे और निरीक्षकों को असीमित पहुंच प्रदान करे। हालांकि, तेहरान ने चेतावनी दी है कि ऐसा प्रस्ताव सितंबर में आईएईए के महानिदेशक के साथ हुए समझौते को खतरे में डाल देगा।

इस सप्ताह की शुरुआत में ईरान के उप विदेश मंत्री काज़िम ग़रीबाबादी ने पश्चिमी देशों की आलोचना करते हुए कहा था कि उनके कदम समझौते को नुकसान पहुँचा सकते हैं। ईरानी अधिकारियों ने इस गतिरोध को सितंबर के अंत में स्नैपबैक तंत्र के तहत संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के पुन: लागू होने पर केंद्रित बताया।

आईएईए की आंशिक रूप से सार्वजनिक की गई रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने अब भी निरीक्षकों को जून में 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान इज़रायल और अमेरिका के हमलों से नष्ट हुए परमाणु स्थलों का दौरा करने की अनुमति नहीं दी है। निरीक्षकों ने आखिरी बार पुष्टि की थी कि लगभग 440 किलोग्राम यूरेनियम 60 प्रतिशत तक संवर्धित हो चुका है। ग्रोसी ने कहा कि ईरान के संवर्धित यूरेनियम भंडार की वर्तमान स्थिति का निर्धारण करने के लिए तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है और चेतावनी दी कि निगरानी में लंबे अंतराल से सुरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।

आईएईए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स आने वाले दिनों में इस पर चर्चा जारी रखेगा, क्योंकि पश्चिमी देश तेहरान पर पूर्ण अनुपालन फिर से शुरू करने के लिए दबाव डाल रहे हैं, जबकि ईरान का कहना है कि प्रतिबंधों और सुरक्षा संबंधी चिंताओं का भी समाधान होना चाहिए।

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