सपा की महाराष्ट्र यूनिट ने BMC चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया
मुंबई नगर राजनीति में एक नई हलचल उस समय दिखी जब समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आसिम आज़मी ने बुधवार को यह साफ ऐलान कर दिया कि आगामी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव में उनकी पार्टी किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। आज़मी ने बताया कि जैसे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अकेले दम पर मुकाबला किया था, वैसे ही अब BMC चुनाव में भी सपा स्वतंत्र रूप से उतरने जा रही है। उनके अनुसार कांग्रेस पर आखिरी समय में वादा बदल देने का आरोप पहले भी लग चुका है, इसलिए इस बार पार्टी ने तय किया है कि वह किसी के भरोसे नहीं रहेगी।
अबू आज़मी ने जानकारी दी कि सपा BMC की 227 वार्डों में से लगभग 150 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से विस्तृत चर्चा के बाद ही तय किया गया है। आजमी के अनुसार कांग्रेस न सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय के लिए ठोस कदम उठाने में नाकाम रही है, बल्कि पार्टी के भीतर नेतृत्व को लेकर भी गंभीर कमी दिखाई देती है। उनके मुताबिक कांग्रेस का बढ़ता आत्मविश्वास ही उसे बार-बार नुकसान पहुँचा रहा है।
इसी बीच मुंबई नगर निकाय चुनावों को लेकर माहौल लगातार गर्म हो रहा है और तमाम दल अपने समीकरण बनाने में व्यस्त हैं। दूसरी तरफ, शिवसेना (UBT) ने कांग्रेस को आगाह किया है कि अकेले लड़ने का निर्णय भारतीय जनता पार्टी के लिए परिस्थितियाँ आसान कर सकता है और महाविकास आघाड़ी गठबंधन को कमजोर करेगा।
शिवसेना (UBT) ने अपने मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय में याद दिलाया कि विपक्ष तभी मजबूत होता है जब वह एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरे। पार्टी ने कांग्रेस को राहुल गांधी के उस बयान की तरफ भी इशारा किया जिसमें उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को ‘सबक सिखाने’ की बात कही थी। संपादकीय के अनुसार ऐसा सबक़ तभी संभव है जब पूरा विपक्ष संगठित रूप में भाजपा के मुकाबले खड़ा हो।
मुंबई में BMC चुनावों की तैयारियाँ तेज हैं और इन बयानों से यह साफ है कि विपक्षी दलों में रणनीतियों को लेकर बड़ा मतभेद उभर रहा है। समाजवादी पार्टी का अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय न सिर्फ स्थानीय राजनीति में नई समीकरण बनाएगा, बल्कि महा विकास आघाड़ी की एकता को भी चुनौती देगा।

