लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर राजनाथ सिंह का बयान: “22 मिनट में लिया माताओं के सिंदूर का बदला”
संसद के मानसून सत्र में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने 55 मिनट के विस्तृत भाषण में कहा कि भारतीय सेना ने आतंकियों को “घर में घुसकर” मारा और इस कार्रवाई के ज़रिए हमारी माताओं और बहनों के सिंदूर का बदला लिया गया। उन्होंने इसे “शौर्य और पराक्रम की लाली” करार दिया और बताया कि 22 मिनट में पूरा ऑपरेशन कर 100 से अधिक आतंकियों और उनके हैंडलर्स को ढेर कर दिया गया।
रक्षामंत्री ने इस अभियान की सफलता की तुलना परीक्षा के नतीजों से करते हुए कहा, “परीक्षा में परिणाम मायने रखता है। कितनी पेंसिल टूटी या पेन गुम हुए, यह बेमानी है। हमारा मकसद आतंकी ठिकानों को तबाह करना था और हमारी सेनाओं ने यह लक्ष्य पूरी तरह हासिल किया। राजनाथ सिंह ने विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों को खारिज करते हुए यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तान के साथ कोई सीज़फायर दबाव में नहीं किया, बल्कि यह फैसला परिस्थितियों और रणनीति के अनुसार लिया गया।
विपक्ष ने इससे पहले बिहार में वोटर वेरिफिकेशन (SIR) को लेकर सदन में हंगामा किया, जिस कारण कार्यवाही को तीन बार स्थगित करना पड़ा। आखिरकार, दोपहर 2:05 पर ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हुई। रक्षा मंत्री ने बालाकोट स्ट्राइक और उरी सर्जिकल स्ट्राइक की याद दिलाते हुए कहा कि अगर पिछली सरकारें समय पर ऐसे निर्णायक कदम उठातीं, तो आज की परिस्थितियां कुछ और होतीं। उन्होंने किसी सरकार या प्रधानमंत्री की आलोचना करने से इनकार करते हुए कहा,
“आज का भारत अलग सोचता है और अलग अंदाज़ में काम करता है। जो भाषा बातचीत की नहीं समझते, उनके लिए कार्रवाई ज़रूरी है।” राजनाथ सिंह ने ज़ोर देते हुए कहा कि आज भारत केवल जवाब नहीं देता, बल्कि आतंक की जड़ों तक जाकर उसे समाप्त करने की क्षमता रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी एकता है और दुनिया को यह संदेश चला गया है कि भारत अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए संकल्पित है।
इस बयान को सरकार की सुरक्षा नीति की स्पष्ट झलक और भारत के बदले हुए रणनीतिक दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है, जो अब केवल प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि पहले से योजना बनाकर निर्णायक कार्रवाई करता है।

