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मैक्रों ने फ्रांस के राष्ट्रीय हितों को ताक पर रख दिया: दिमित्री मेदवेदेव

मैक्रों ने फ्रांस के राष्ट्रीय हितों को ताक पर रख दिया: दिमित्री मेदवेदेव

रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने सोमवार की शाम फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “अब फ्रांस का कोई राष्ट्रपति नहीं है।” मेदवेदेव ने आरोप लगाया कि मैक्रों को अपने ही देश की परवाह नहीं है और वे सिर्फ़ विदेशी शक्तियों के एजेंडे पर काम कर रहे हैं।

रूसी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेदवेदेव ने अपने बयान में कहा कि फ्रांस की मौजूदा सरकार महज़ 14 घंटे तक ही टिकी रही, जो एक “दु:खद रिकॉर्ड” है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “इसका कारण यही है कि फ्रांस का कोई असली राष्ट्रपति नहीं है। मैक्रों, कीव (यूक्रेन) के वकील हैं, जर्मनी और ब्रिटेन के घनिष्ठ मित्र हैं, और अफ्रीका में नये औपनिवेशिक भाषणों के बड़े प्रचारक हैं।”

मेदवेदेव ने मैक्रों पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रीय हितों को ताक पर रख दिया है और पश्चिमी देशों के प्रभाव में आकर अपने देश की गरिमा को कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि “मैक्रों को फ्रांस की न तो चिंता है, न जनता की। वह सिर्फ़ अपने पश्चिमी सहयोगियों को खुश करने में व्यस्त हैं।”

रूसी एजेंसी स्पुतनिक ने मेदवेदेव के बयान को उद्धृत करते हुए बताया कि उन्होंने ऐतिहासिक उदाहरण देते हुए कहा, “1814 में जब हमारे कोसैक सैनिक पेरिस पहुंचे थे, तो उन्होंने अपने कर्तव्यों को मैक्रों से कहीं बेहतर निभाया था।”

रूस और फ्रांस के बीच हाल के महीनों में तनाव बढ़ता जा रहा है, विशेष रूप से यूक्रेन युद्ध को लेकर। फ्रांस ने यूक्रेन को सैन्य सहायता देने और रूस के खिलाफ प्रतिबंधों में सक्रिय भूमिका निभाई है। मस्को बार-बार यह आरोप लगाता रहा है कि पेरिस, वॉशिंगटन और लंदन के साथ मिलकर रूस के खिलाफ “राजनीतिक युद्ध” चला रहा है। मेदवेदेव के इस तीखे बयान ने एक बार फिर रूस और फ्रांस के बीच कूटनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है और यूरोप में चल रहे शक्ति संघर्ष पर नए सिरे से बहस छेड़ दी है।

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