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ग़ाज़ा जनसंहार मामले में इटली का नाम भी सामने आया

ग़ाज़ा जनसंहार मामले में इटली का नाम भी सामने आया

एक ऐतिहासिक कदम के तहत, क़ानून विशेषज्ञों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के एक समूह ने इटली सरकार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) में शिकायत दर्ज की है। इस शिकायत में इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी पर “ग़ाज़ा के लोगों के जनसंहार में सहयोगी” होने का आरोप लगाया गया है।

शिकायत की जानकारी
फ्रांस प्रेस एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह शिकायत 1 अक्टूबर 2025 को दायर की गई है और इस पर लगभग 50 वकीलों, कानून के प्रोफेसरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर हैं। शिकायत में कहा गया है कि इटली सरकार ने “इज़रायल को घातक हथियार भेजकर” फ़िलिस्तीन के खिलाफ युद्ध अपराध और जनसंहार में भागीदारी की है।

मेलोनी ने इटली के सरकारी चैनल RAI से बात करते हुए पुष्टि की कि, इस शिकायत में उनका, रक्षामंत्री गुइडो क्रोसेटो, और विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी का नाम शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि रोबर्टो चिंगोलानी, जो सैन्य उद्योग कंपनी लियोनार्डो के प्रमुख हैं, उनका नाम भी आरोपियों की सूची में हो सकता है। मेलोनी ने कहा — “मुझे नहीं लगता कि इतिहास में या दुनिया में इस तरह का कोई मामला पहले कभी दर्ज हुआ है।”

इज़रायल को हथियार देने पर सवाल
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 से 2024 के बीच इटली उन तीन देशों में से एक है जिन्होंने इज़रायल को सबसे ज़्यादा पारंपरिक हथियार भेजे।

अमेरिका और जर्मनी ने 99% भारी हथियार (जैसे मिसाइल, लड़ाकू विमान और एयर डिफेंस सिस्टम) की आपूर्ति की, जबकि इटली ने हल्के हेलिकॉप्टर और नौसेना तोपें भेजीं। इसके अलावा, इटली अमेरिका की अगुवाई वाले F-35 जेट प्रोजेक्ट में भी शामिल है।

SIPRI ने चेतावनी दी है कि F-35 जेट्स के इस्तेमाल से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का उल्लंघन हो सकता है, जिससे इटली की आलोचना बढ़ी है। जनता के दबाव में, इटली के रक्षामंत्री ने कहा कि “सभी हथियार सौदे 7 अक्टूबर 2023 से पहले के अनुबंधों के तहत हुए हैं” और इज़रायल से “लिखित आश्वासन लिया गया है कि इन हथियारों का इस्तेमाल ग़ाज़ा के नागरिकों पर नहीं किया जाएगा।”

इटली की सड़कों पर जनआक्रोश
पिछले कुछ हफ्तों से सैकड़ों हज़ार इटालियन नागरिक ग़ाज़ा में जारी युद्ध और अपनी सरकार के इज़रायल-समर्थन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। मज़दूर यूनियनें और बंदरगाह कर्मी भी इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं और उन्होंने हड़ताल की चेतावनी दी है।

मिलान में प्रदर्शनकारियों ने मेलोनी की तस्वीर वाले पोस्टर उठाए जिन पर लिखा था — “जनसंहार की सहयोगी”, और उन्होंने इज़रायल के साथ हर तरह का सैन्य सहयोग खत्म करने की मांग की। पहले, मेलोनी सरकार ने ग़ाज़ा की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवीय बेड़े के साथ अपने नौसैनिक जहाज भेजे थे, लेकिन इज़रायली नौसेना के हस्तक्षेप के डर से इटली ने जहाजों को वापस बुला लिया। उस घटना में लगभग 500 अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था, और आयोजकों के मुताबिक़, मंगलवार तक 6 लोग अब भी इज़रायल की हिरासत में हैं।

वैश्विक पृष्ठभूमि
यह शिकायत ऐसे समय में आई है जब संयुक्त राष्ट्र की स्वतंत्र आयोग ने पिछले महीने इज़रायल के ग़ाज़ा युद्ध को “जनसंहार” करार दिया है।इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ “युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध” के आरोपों में गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे।

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