ऑस्ट्रेलिया में इस्लामोफोबिया असामान्य स्तर तक बढ़ा: रिपोर्ट
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने शुक्रवार को कहा कि, उनकी सरकार इस स्वतंत्र रिपोर्ट की सिफ़ारिशों पर विचार करेगी, जिसमें बताया गया है कि, देश में मुस्लिम विरोधी भावनाएँ “ग़ैर-मामूली स्तर” तक पहुँच गई हैं।
प्रधानमंत्री अल्बानीज़ ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को उनके धार्मिक विश्वासों के आधार पर निशाना बनाना, देश की बुनियादी मूल्यों पर हमला है। सरकार के “इस्लामोफोबिया के ख़िलाफ़ विशेष दूत” की ओर से जारी स्वतंत्र रिपोर्ट में कहा गया कि, ऑस्ट्रेलिया में इस्लामोफोबिया अब इतना आम हो गया है कि कई घटनाएँ तो दर्ज ही नहीं की जातीं।
विशेष दूत आफ़ताब मलिक ने सिडनी में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान जहाँ अल्बानीज़ भी मौजूद थे कहा कि, हक़ीक़त यह है कि, ऑस्ट्रेलिया में इस्लामोफोबिया हमेशा से एक स्थायी समस्या रहा है, जिसे कभी नज़रअंदाज़ किया गया, कभी उसका इनकार किया गया, लेकिन उसे कभी गंभीरता से हल नहीं किया गया।
उन्होंने कहा—”हमने सार्वजनिक स्थानों पर गालियाँ और दीवारों पर लिखे गए नफ़रत भरे नारे देखे हैं… हमने देखा है कि मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को सिर्फ़ इसलिए निशाना बनाया गया है क्योंकि वे कौन हैं और क्या पहनते हैं। 7 अक्तूबर 2023 को इज़रायल पर हुए हमले के बाद से लेकर नवंबर 2024 तक ऑस्ट्रेलिया में नफ़रत भरी घटनाओं में 150 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
60 पन्नों की इस रिपोर्ट में सरकार को 54 सिफ़ारिशें दी गई हैं, जिनमें धर्म के आधार पर भेदभाव की जाँच के लिए एक आयोग बनाने और इस्लामोफोबिया के सामाजिक एकजुटता और लोकतंत्र पर प्रभावों का आकलन करने की सिफ़ारिश भी शामिल है। आफ़ताब मलिक को पिछले साल यह ज़िम्मेदारी दी गई थी कि वे मुस्लिम विरोधी नफ़रत को रोकने के लिए ठोस क़दम सुझाएँ, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में इस समस्या की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं।

