चीन में अब्बास अराक़ची और जयशंकर के बीच अहम मुलाक़ात
ईरान के वरिष्ठ राजनयिक और विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराक़ची ने मंगलवार को चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्रियों की बैठक के मौके पर भारत के विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर से द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया, जिसमें खासकर पश्चिम एशिया की स्थिति, अफगानिस्तान, ऊर्जा सहयोग, और एशियाई भू-राजनीति के बदलते समीकरणों पर चर्चा हुई।
यह मुलाक़ात ऐसे समय हुई है जब ईरान और भारत दोनों ही SCO के सहयोग को आर्थिक, सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में गहराई देने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों देशों ने ऊर्जा, व्यापार, परिवहन गलियारे (जैसे चाबहार पोर्ट), और आतंकवाद के ख़िलाफ़ सहयोग को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। इससे पहले अराक़ची ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस, उज़्बेकिस्तान और किर्गिज़स्तान के विदेश मंत्रियों से भी मुलाक़ात की थी। इन बैठकों का मक़सद ईरान की सक्रिय कूटनीति को मज़बूत करना और क्षेत्रीय सहयोग को नई दिशा देना है।
चीन पहुँचने के बाद अराक़ची ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“शंघाई सहयोग संगठन धीरे-धीरे वैश्विक पहचान बना रहा है। यह संगठन अब केवल एक क्षेत्रीय गठबंधन नहीं रहा, बल्कि इसके एजेंडे में अब राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा से जुड़े वैश्विक मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस बैठक में संगठन के भविष्य की रणनीति, विशेषकर ऊर्जा, व्यापार और कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में सहयोग के विस्तारीकरण पर निर्णय लिए जाएंगे। इसके साथ ही दुनिया के वर्तमान संकटों और भू-राजनीतिक परिवर्तनों पर भी विस्तृत चर्चा की जाएगी।
ईरान और भारत के बीच यह बैठक दोनों देशों के पारंपरिक और ऐतिहासिक रिश्तों को फिर से मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम मानी जा रही है, विशेषकर ऐसे समय में जब वैश्विक मंचों पर पश्चिमी दबाव के बीच एशियाई देशों की एकता और स्वतंत्र नीति-निर्धारण की भूमिका अहम होती जा रही है।

