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जापान में पहली बार एक महिला बनी प्रधानमंत्री

जापान में पहली बार एक महिला बनी प्रधानमंत्री

जापान की संसद ने बहुमत से सनाए ताकाइची (Sanae Takaichi) को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुना है। ताकाइची दक्षिणपंथी और कट्टरपंथी विचारों वाली राजनेता मानी जाती हैं।पोलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला उस समय आया जब सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) ने एक नई दक्षिणपंथी पार्टी के साथ गठबंधन किया। माना जा रहा है कि इस गठबंधन से जापान की सरकार और ज़्यादा राष्ट्रवादी रुख अपनाएगी।

ताकाइची ने शिगेरू इशिबा (Shigeru Ishiba) की जगह ली है और तीन महीने से चले आ रहे राजनीतिक गतिरोध को खत्म किया है। यह गतिरोध जुलाई में LDP की चुनावी हार के बाद शुरू हुआ था। इशिबा ने आज सुबह अपने मंत्रिमंडल के साथ इस्तीफा दे दिया, ताकि नई प्रधानमंत्री का रास्ता साफ हो सके।

LDP ने ओसाका की दक्षिणपंथी पार्टी “जापान इनोवेशन पार्टी (Ishin no Kai)” के साथ आपातकालीन गठबंधन करके संसद में बहुमत हासिल किया। हालांकि रिपोर्ट के अनुसार, यह गठबंधन अभी दोनों सदनों में पूर्ण बहुमत से दूर है, इसलिए सरकार को कानून पारित करने के लिए विपक्षी पार्टियों की मदद लेनी होगी — जो इसे अस्थिर और अल्पकालिक बना सकता है।

गठबंधन समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान ताकाइची ने ओसाका के गवर्नर और “जापान इनोवेशन पार्टी” के प्रमुख हीरोफुमी योशिमुरा के साथ कहा — “वर्तमान परिस्थितियों में राजनीतिक स्थिरता बेहद जरूरी है। बिना स्थिरता के हम प्रभावी आर्थिक और कूटनीतिक नीतियां लागू नहीं कर सकते।”

इस समझौते में ताकाइची के राष्ट्रवादी और कठोर रुख को स्पष्ट रूप से दर्ज किया गया है। यह गठबंधन तब बना जब LDP ने अपने पुराने सहयोगी कोमेतो पार्टी (जो बौद्ध संगठन सोका गक्काई से जुड़ी है) को खो दिया। कोमेतो ने अपने मध्यम और शांतिवादी दृष्टिकोण के कारण सरकार से अलग होने का ऐलान किया, जिससे सत्ता परिवर्तन की संभावनाएं बढ़ गईं।

64 वर्षीय ताकाइची जल्द ही अपने नए मंत्रिमंडल की घोषणा करने वाली हैं। यह मंत्रिमंडल मुख्य रूप से LDP के वरिष्ठ नेता तारो आसाे और उनके समर्थकों से मिलकर बनेगा। योशिमुरा ने कहा कि उनकी पार्टी तब तक किसी मंत्री पद को स्वीकार नहीं करेगी जब तक गठबंधन की स्थिरता सुनिश्चित न हो जाए।

रिपोर्ट के अनुसार, नई प्रधानमंत्री को आने वाले हफ्तों में कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा — एक अहम नीतिगत भाषण देना, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करना और कई क्षेत्रीय सम्मेलनों में भाग लेना। उन्हें दिसंबर के अंत तक महंगाई और जन असंतोष से निपटने के लिए आर्थिक कदमों का पैकेज तैयार करना होगा।

हालांकि ताकाइची जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं, लेकिन उन्होंने अब तक लैंगिक समानता या सामाजिक विविधता को बढ़ावा देने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। उन्होंने वर्षों तक महिलाओं की स्थिति सुधारने वाले कानूनों का विरोध किया है। वे शाही परिवार में केवल पुरुष उत्तराधिकार की समर्थक हैं और समलैंगिक विवाह तथा शादीशुदा महिलाओं को अलग उपनाम रखने की अनुमति के खिलाफ हैं।

पोलिटिको के मुताबिक, ताकाइची दिवंगत प्रधानमंत्री शिंजो आबे की करीबी मानी जाती हैं और उनके रास्ते पर चलने की उम्मीद है — यानी सेना को मजबूत करना, अर्थव्यवस्था को बढ़ाना और जापान के शांतिवादी संविधान में संशोधन लाना। हालांकि उनकी कमजोर राजनीतिक स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट नहीं है कि वे अपने इन लक्ष्यों को कितनी दूर तक ले जा पाएंगी।

कोमेतो पार्टी का सरकार से अलग होना उस समय हुआ जब उसने LDP के भ्रष्टाचार घोटालों और उन पर पार्टी के “नरम रवैये” की आलोचना की। फिर भी हाल के दिनों में मीडिया रिपोर्टों के अनुसार ताकाइची ने अपने कट्टर और आक्रामक बयानों में नरमी लाने की कोशिश की है।

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