किसानों के आंदोलन से महाराष्ट्र सरकार सक्रिय, मुख्यमंत्री बातचीत को तैयार
पूर्व विधायक बच्चू कड़ू की अगुवाई में नागपुर में चल रहा किसान आंदोलन राज्य सरकार के ध्यान का केंद्र बन गया है। जानकारी के अनुसार, यह आंदोलन रायगढ़ से शुरू हुआ था। मंगलवार को बच्चू कड़ू का मोर्चा नागपुर पहुंचा, जहां बड़ी संख्या में किसान इसमें शामिल हुए। प्रशासन को इस भीड़ का अनुमान नहीं था। बुधवार को इसमें और वृद्धि देखी गई।
किसानों ने कई स्थानों पर टायर जलाकर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। नागपुर-मुंबई समृद्धि हाईवे पर भी यातायात प्रभावित हुआ, जिससे लगभग 20-20 किलोमीटर तक ट्रैफिक जाम लग गया।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा था कि रेल यातायात बाधित नहीं होने दिया जाएगा। इसके बाद बुधवार को कुछ किसानों ने जामठा स्टेडियम क्षेत्र में स्थित रेलवे ट्रैक पर जाकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया। पुलिस प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए रेल यातायात को जल्द ही सामान्य कर दिया।
जब यह जानकारी बच्चू कड़ू तक पहुंची, तो उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि कोई भी ऐसा कदम न उठाया जाए जिससे जनता को असुविधा हो। अपील के बाद प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक खाली कर दिया।
इस दौरान बच्चू कड़ू ने कहा कि सरकार, किसानों की समस्याओं पर ध्यान दे रही है और उन्होंने अनुरोध किया कि “कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू करने से पहले उसका सरकारी आदेश जारी किया जाए।” यह आंदोलन कुल 22 मांगों के लिए किया जा रहा है, जिनमें किसानों के क़र्ज़ की माफ़ी, प्याज की उचित कीमत, गन्ने की एफआरपी, दूध की दर और सात-बारह कोरा जैसी मांगें शामिल हैं।
मामले के समाधान के लिए दो सरकारी प्रतिनिधि किसानों से बातचीत कर रहे हैं। आंदोलन के चलते कुछ सड़कों पर यातायात प्रभावित है, जबकि पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क हैं। किसानों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, वे शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन जारी रखेंगे। सरकार की ओर से बच्चू कड़ू को मुंबई में बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने कहा कि “सरकार यदि चाहे तो अपने प्रतिनिधि यहां भेज सकती है।”
बुधवार की शाम राज्य के गृह राज्य मंत्री पंकज भुइयर और वित्त मंत्री आशीष जायसवाल सरकारी प्रतिनिधि के रूप में नागपुर पहुंचे और उन्होंने बच्चू कड़ू से मुलाकात की। ध्यान देने योग्य है कि अगस्त में बच्चू कड़ू ने किसानों की कर्ज माफी और महिलाओं को भत्ता देने का मुद्दा उठाया था, जिस पर सरकार ने बातचीत कर कुछ मांगों पर सहमति जताई थी। उसी क्रम में अक्टूबर में किसानों का यह आंदोलन शुरू हुआ।

