क्या अमेरिका ने वेनेजुएला की विपक्षी नेता को भागने में मदद की?
अमेरिका ने वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरोना माचाडो को देश से भागने में मदद की। माचाडो, जिन्होंने अमेरिका की सैन्य कार्रवाइयों का समर्थन किया था, इस साल नोबेल शांति पुरस्कार जीत चुकी हैं। उन्होंने नकली वेशभूषा और काले बालों का विग पहनकर सुरक्षित रूप से वेनेजुएला से बाहर निकलने का रास्ता चुना। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह ऑपरेशन अमेरिका और एक स्थानीय वेनेजुएला नेटवर्क की मदद से सोमवार से शुरू हुआ। माचाडो ने अपने गुप्त रहने के एक साल के बाद यह जोखिम भरा सफर तय किया।
मारिया माचाडो ने लगभग 10 चेकपोस्ट पार किए और लकड़ी की नाव से कैरेबियन में स्थित डच आइलैंड क्युरासाओ पहुंचीं। वहां से उन्होंने निजी विमान के जरिए नॉर्वे की राजधानी ओस्लो के लिए उड़ान भरी। खराब मौसम के कारण उनकी नोबेल शांति पुरस्कार समारोह में उपस्थिति नहीं हो सकी, इसलिए उनकी बेटी ने उनके स्थान पर पुरस्कार ग्रहण किया।
वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, वेनेजुएला नेटवर्क ने अमेरिकी सेना के संपर्क में रहकर यह सुनिश्चित किया कि नाव को ड्रग ट्रैफिक के बहाने होने वाले अमेरिकी हमलों का सामना न करना पड़े। साथ ही, कुछ माडुरो सरकार के सदस्य भी माचाडो की मदद कर रहे थे। अमेरिकी अधिकारी इसे माडुरो के इस्तीफे की स्थिति में सहयोग की इच्छा के संकेत के रूप में देख रहे हैं।
हालांकि, वेनेजुएला सरकार ने माचाडो पर लगे आरोपों, जैसे सार्वजनिक स्थानों पर बम रखने की योजना, के बावजूद गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं किया। इस तरह माचाडो का भागना अमेरिकी मीडिया द्वारा हॉलीवुड जैसी कहानी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस घटना ने वेनेजुएला की राजनीतिक स्थिति और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अमेरिकी प्रभाव को भी उजागर किया।
कुल मिलाकर, माचाडो का यह साहसिक भागना और नोबेल पुरस्कार जीतना एक विवादास्पद लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचने वाली घटना बन गई

