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यूपी में बंद पड़े स्कूलों को अब, आंगनवाड़ी केंद्र बनाया जाएगा 

यूपी में बंद पड़े स्कूलों को अब, आंगनवाड़ी केंद्र बनाया जाएगा 

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए राज्य में बंद हो चुके सरकारी स्कूलों की खाली इमारतों को आंगनवाड़ी केंद्रों के रूप में इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। इस फैसले का उद्देश्य न केवल आंगनवाड़ी केंद्रों को बेहतर सुविधाएं देना है, बल्कि अनुपयोगी शैक्षिक ढांचे का सही उपयोग सुनिश्चित करना भी है। राज्य के 75 जिलों में 10,827 स्कूल, विलय के बाद खाली हो गए हैं, जिनमें आंगनवाड़ी केंद्रों को शिफ्ट किया जाएगा।

महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी द्वारा जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि शिफ्टिंग से पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि स्कूल की इमारत उपयोग योग्य स्थिति में हो। विशेषकर वे केंद्र जो वर्तमान में स्कूल की इमारत से 500 मीटर के दायरे में हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाए। यदि इमारत जर्जर हो या दूरी अधिक हो, तो वैकल्पिक स्थान तलाश कर वहां शिफ्टिंग की जाए। साथ ही आंगनवाड़ी केंद्रों में पीने का पानी, शौचालय, छाया, लाइट, पंखा और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया है कि 15 दिनों के भीतर सर्वे की प्रक्रिया पूरी की जाए। इसके लिए जिला स्तर पर विशेष समितियां गठित की जाएंगी, जिनके अध्यक्ष मुख्य विकास अधिकारी होंगे। समिति में सीडीपीओ, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बीडीओ और जिला कार्यक्रम अधिकारी सदस्य होंगे। सरकार का कहना है कि इससे बंद पड़ी इमारतों का सही उपयोग होगा और ग्रामीण व शहरी बच्चों को बेहतर शैक्षिक और पोषण संबंधी सुविधाएं मिलेंगी। इससे आंगनवाड़ी केंद्रों का प्रदर्शन भी सुधरेगा और बच्चों को एक सुरक्षित, स्वच्छ व अनुकूल माहौल मिलेगा।

ध्यान देने योग्य है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पोषण और स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं दी जाती हैं। साथ ही 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए पूर्व-प्राथमिक शिक्षा और खेलकूद की व्यवस्था भी होती है।

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