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कंबोडिया-थाईलैंड सीमा झड़प दूसरे सप्ताह में भी जारी, युद्ध-विराम के दावे से इनकार

कंबोडिया-थाईलैंड सीमा झड़प दूसरे सप्ताह में भी जारी, युद्ध-विराम के दावे से इनकार

कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा पर जारी झड़पें रविवार को दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर गईं। इसी बीच थाई अधिकारियों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देश सशस्त्र संघर्ष रोकने के लिए युद्ध-विराम पर सहमत हो गए हैं।

यह विवाद औपनिवेशिक काल में सीमा निर्धारण से जुड़ा हुआ है, जो दोनों देशों के बीच लगभग आठ सौ किलोमीटर तक फैली हुई है। अधिकारियों के अनुसार, इस संघर्ष के कारण लगभग आठ लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक अब तक कम से कम पच्चीस लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें चौदह थाई सैनिक और ग्यारह कंबोडियाई नागरिक शामिल हैं। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर झड़पें भड़काने का आरोप लगाया है।

इस बीच राष्ट्रपति ट्रंप, जिन्होंने पहले युद्ध-विराम और उसके बाद समझौते का समर्थन किया था, ने शुक्रवार को कहा था कि दक्षिण-पूर्व एशिया के ये पड़ोसी देश लड़ाई रोकने पर सहमत हो गए हैं। लेकिन बाद में थाई नेताओं ने स्पष्ट किया कि कोई युद्ध-विराम समझौता नहीं हुआ है, और दोनों सरकारों ने रविवार सुबह भी झड़पें जारी रहने की पुष्टि की।

थाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सरासन्ट कोंगसरी ने कहा कि कंबोडिया ने रात भर और रविवार तक कई सीमावर्ती प्रांतों पर गोलाबारी और बमबारी की। दूसरी ओर कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता माली सोचियाता ने कहा कि थाईलैंड ने आधी रात से सीमा क्षेत्रों में मोर्टार और बम दागे।

इसके बाद कंबोडिया ने शनिवार को थाईलैंड के साथ अपनी सीमा चौकियां बंद कर दीं, जिससे प्रवासी मजदूर फंस गए। सीमा पार थाईलैंड के सुरिन प्रांत में, अड़तीस वर्षीय संगीत शिक्षक वात्थनाचाई कमनगाम ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि उन्होंने रविवार सुबह अंधेरे आकाश में कई रॉकेट गुजरते देखे, जिसके बाद दूर धमाकों की आवाजें सुनाई दीं।

जुलाई में हुई झड़पों के बाद, जिनमें दर्जनों लोग मारे गए थे, वात्थनाचाई कंक्रीट के बंकरों की दीवारों पर टैंकों, थाई झंडों और घायलों को उठाए सैनिकों की रंगीन तस्वीरें बना रहे हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह एएफपी से कहा, “जैसे-जैसे मैं इस लड़ाई से गुजर रहा हूं, मैं केवल इस पल को दर्ज करना चाहता हूं, ताकि यह दिखाया जा सके कि यही हमारी वास्तविकता है।”

लड़ाई के बीच थाई सेना ने साकाओ और त्रात प्रांतों के कुछ हिस्सों में रात सात बजे से सुबह पांच बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू कर दिया है।

इससे पहले, आसियान की अध्यक्षता कर रहे देश मलेशिया के साथ अमेरिका और चीन ने जुलाई में युद्धविराम कराने में मध्यस्थता की थी। अक्टूबर में राष्ट्रपति ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक संयुक्त घोषणा का समर्थन किया था, जिसमें युद्ध-विराम को आगे बढ़ाने के बदले नए व्यापार समझौतों को बढ़ावा देने पर सहमति बनी थी। हालांकि अगले महीने थाईलैंड ने उस समझौते को निलंबित कर दिया, जब सीमा पर थाई सैनिक बारूदी सुरंगों से घायल हो गए।

पिछले सप्ताह राष्ट्रति ट्रंप ने पहले से तय युद्ध-विराम को फिर से लागू कराने के लिए “फोन कॉल” करने का वादा किया था। लेकिन थाई प्रधानमंत्री अनुतिन चारनवीराकुल ने शनिवार को पत्रकारों से कहा, “शुक्रवार को हुई फोन कॉल में राष्ट्रपति ट्रंप ने यह नहीं कहा कि हमें युद्धविराम करना चाहिए।” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि, “अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भरोसा दिलाया है कि थाईलैंड को अन्य देशों की तुलना में बेहतर लाभ मिलेंगे।”

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