ब्रिटेन ने ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए
ब्रिटेन ने ईरान के ख़िलाफ़ अपने दबाव अभियान को और कड़ा करते हुए एक नया मामला अपनी प्रतिबंधों की सूची में जोड़ दिया है। ब्रिटेन सरकार ने घोषणा की है कि, उसने एक व्यक्ति और चार ईरानी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं।
इस्ना की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में दावा किया कि, ये सभी उस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं, जो तेहरान की विदेशों में होने वाली गतिविधियों को समर्थन देता है। इन गतिविधियों में यूक्रेन और क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों (Occupied Territories) से संबंधित क़दम भी शामिल बताए गए हैं। सरकार द्वारा ऑनलाइन जारी बयान के अनुसार, नए प्रतिबंधों की ज़द में आए लोगों और संस्थाओं में ईरान के वरिष्ठ अधिकारी हुसैन शमख़ानी और चार ईरानी कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां शिपिंग, पेट्रोकेमिकल और वित्तीय क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि शमख़ानी को पिछले महीने ही अमेरिका ने भी अपनी प्रतिबंध सूची में शामिल किया था। अब ब्रिटेन के इस क़दम को वॉशिंगटन और लंदन की ईरान-विरोधी नीतियों में तालमेल के तौर पर देखा जा रहा है। ब्रिटिश सरकार का कहना है कि, यह नेटवर्क ईरान की “विरोधी और अस्थिर करने वाली गतिविधियों” को आगे बढ़ाता है, जिसमें ब्रिटेन और अन्य देशों को अस्थिर करने की कोशिशें भी शामिल हैं। यह भी वास्तविकता है कि, ब्रिटेन फ़िलिस्तीनी राज्य की स्थापना का समर्थन तो कर रहा है लेकिन उसकी नीतियां हमेशा अमेरिका और इज़रायल के समर्थन में और ईरान के विरोध में होती हैं।
नए प्रतिबंधों के तहत, ब्रिटेन में मौजूद शमख़ानी और इन चार कंपनियों की सभी संपत्तियां तुरंत फ्रीज़ कर दी जाएंगी। साथ ही ब्रिटिश नागरिकों और कारोबारियों को आदेश दिया गया है कि वे इन व्यक्तियों या संस्थाओं के साथ किसी भी प्रकार का व्यापारिक या वित्तीय लेन-देन न करें। विशेषज्ञों का मानना है कि यह क़दम ब्रिटेन की ओर से ईरान पर दबाव बढ़ाने और उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की एक और कोशिश है। हालांकि, यह देखना बाक़ी है कि, ईरान इन नए प्रतिबंधों पर कैसी प्रतिक्रिया देता है।

