अमेरिका में 65% डेमोक्रेटिक वोटर्स इज़रायल पर प्रतिबंध के पक्ष में: सर्वे
अमेरिका में किए गए हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक, 65% डेमोक्रेटिक वोटर्स इज़रायल पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में हैं। सर्वे में यह भी सामने आया कि ज़्यादातर अमेरिकी नागरिकों का मानना है कि इज़रायल, ग़ाज़ा में नरसंहार कर रहा है, और उन्होंने इज़रायल को हथियार भेजने के समझौते का भी विरोध किया है। ब्रिटिश संस्था YouGov द्वारा किया गया यह सर्वे वॉशिंगटन स्थित Institute for Middle East Understanding (IMEU) Policy Project और युवा-नेतृत्व वाली प्रगतिशील संस्था Gen Z for Change के लिए किया गया था। इसमें 1200 से अधिक संभावित डेमोक्रेटिक प्राइमरी वोटर्स की राय ली गई।
सर्वे के परिणामों के अनुसार:
65% उत्तरदाताओं ने इज़रायल पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया,
72% ने कहा कि इज़रायल गाज़ा में नरसंहार कर रहा है,
और 75% ने इज़रायल को हर साल हथियारों की आपूर्ति के समझौते को जारी रखने का विरोध किया।
जब वोटर्स से पूछा गया कि वे किन प्रकार के प्रतिबंधों का समर्थन करते हैं, तो जवाब इस प्रकार थे:
76% ने इज़रायली बॉन्ड्स के ज़रिए कर्ज़ देने पर रोक की मांग की
75% ने इज़रायल में बने हथियारों और साइबर सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर के आयात पर प्रतिबंध का समर्थन किया,
जबकि 62% ने इज़रायली अधिकारियों और सैनिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक की वकालत की।
IMEU पॉलिसी प्रोजेक्ट की एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर मार्गरेट डी रिवास ने कहा,
“हम सब अपनी टैक्स की रकम से फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ जारी इज़रायली नरसंहार देख रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि डेमोक्रेटिक वोटर्स स्पष्ट रूप से कह रहे हैं — इज़रायल के खिलाफ जवाबदेही के ठोस कदम उठाए जाएं।”
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की पहली फ़िलिस्तीनी मूल की सदस्य रशीदा तलीब ने भी इस बयान को साझा करते हुए लिखा,
“प्रतिबंध और हथियारों पर पूर्ण रोक ही फ़िलिस्तीनी में जारी नरसंहार और नस्लीय भेदभाव को रोकने का एकमात्र तरीका है। दुनिया के नेताओं को तुरंत आर्थिक प्रतिबंध और हथियारों की सप्लाई पर पाबंदी लगानी चाहिए।”
यह सर्वे ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेट्स के बीच इज़रायल को लेकर मतभेद बढ़ रहे हैं। जुलाई के अंत में, सीनट में अधिकांश डेमोक्रेट्स ने इज़रायल को हथियार बेचने के खिलाफ़ वोट दिया था। डेमोक्रेटिक पार्टी लंबे समय से इज़रायल का समर्थन करती आई है, लेकिन अब फ़िलिस्तीनियों पर बढ़ते अत्याचारों और नई पीढ़ी के जागरूक युवाओं की वजह से पार्टी के भीतर आलोचनात्मक रुख़ बढ़ रहा है, खासकर युवा वोटर्स अब इज़रायली क़ब्ज़े और नाकेबंदी की नीतियों के खिलाफ़ हैं।
ध्यान रहे, इज़रायल पिछले लगभग 18 सालों से ग़ाज़ा की 24 लाख आबादी पर नाकेबंदी लगाए हुए है। अक्टूबर 2023 से अब तक इज़रायली हमलों में लगभग 66,300 फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। ग़ाज़ा आज भुखमरी, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी से जूझ रहा है, और उसे रहने के लायक़ नहीं छोड़ा गया है।

