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हम इज़रायली अधिकारियों के सीरिया में प्रवेश की निंदा करते हैं: संयुक्त राष्ट्र 

हम इज़रायली अधिकारियों के सीरिया में प्रवेश की निंदा करते हैं: संयुक्त राष्ट्र 

संयुक्त राष्ट्र में सीरिया विषय पर हुई हालिया बैठक एक बार फिर उस मुद्दे को उजागर कर गई जिसे लंबे समय से अनदेखा किया जाता रहा है। संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत के उप-प्रतिनिधि नजात रश्दी ने सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए स्पष्ट कहा कि, इज़रायल द्वारा सीरियाई सीमा और संप्रभुता का बार-बार उल्लंघन अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है और इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

रश्दी ने जोर देकर कहा कि इज़रायल द्वारा राजनीतिक और सैन्य अधिकारियों का सीरियाई क्षेत्रों में प्रवेश न केवल 1974 के संघर्ष-विराम समझौते की अवहेलना है बल्कि यह क्षेत्र में तनाव को और बढ़ाता है।संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई यह टिप्पणी उस व्यापक चिंता को दर्शाती है जो लंबे समय से कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने व्यक्त की है।

इज़रायल की यह रणनीति, जिसमें वह सीरिया पर हवाई हमलों, सीमापार घुसपैठ और सैन्य दबाव का उपयोग करता है, न केवल सीरिया की संप्रभुता को चोट पहुंचाती है बल्कि क्षेत्र में अस्थिरता को और गहरा करती है। यह स्थिति खासकर तब और जटिल हो जाती है जब सीरिया खुद युद्ध, विस्थापन और आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे समय में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप का प्रभाव कहीं अधिक गंभीर होता है।

नजात रश्दी ने यह भी बताया कि सीरिया पर लगाए गए प्रतिबंध उसकी अर्थव्यवस्था को तोड़ चुके हैं और पुनर्निर्माण की संभावनाओं को सीमित करते हैं। उनकी राय में, सीरिया की स्थिरता तभी संभव है जब उस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध हटाए जाएं और बाहरी सैन्य दबाव बंद हो। इज़रायल की लगातार जारी कार्रवाइयाँ न केवल अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ हैं, बल्कि एक ऐसे देश के लिए अतिरिक्त बोझ भी पैदा करती हैं जो पहले ही मानवीय संकट का सामना कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र की यह खुली आलोचना इस बात का संकेत है कि इज़रायल की नीतियों और क्षेत्रीय हस्तक्षेपों पर अब अधिक गंभीर चर्चा की आवश्यकता है। क्षेत्रीय स्थिरता, संवाद और संधि-पालन तभी संभव है जब सभी देश, विशेषकर इज़रायल, अंतरराष्ट्रीय कानून और पड़ोसी देशों की संप्रभुता का सम्मान करें।

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