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हम अपने सभी शोध निष्कर्षों के साथ पूरी तरह खड़े हैं: हिंडनबर्ग

हम अपने सभी शोध निष्कर्षों के साथ पूरी तरह खड़े हैं: हिंडनबर्ग

गौतम अडानी और उनके ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट जारी करने के बाद हिंडनबर्ग रिसर्च भारत में चर्चा में आ गई थी। हालांकि अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों का बार-बार खंडन किया है। एंडरसन ने कुछ लोगों द्वारा हिंडनबर्ग को ओसीसीआरपी और जॉर्ज सोरोस जैसे कथित भारत विरोधी समूहों के साथ जोड़ने के प्रयासों को मूर्खतापूर्ण षड्यंत्र करार दिया और कहा कि उनके संस्थान ने कभी भी इन पर टिप्पणी नहीं की क्योंकि वह ऐसे मूर्खतापूर्ण षड्यंत्र के सिद्धांतों को बढ़ावा न देने की नीति का पालन करता है।

हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नैट एंडरसन ने कहा है कि वह अपनी कंपनी का कारोबार किसी कानूनी या अन्य खतरे के कारण नहीं समेट रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह उनके द्वारा जारी की गई सभी रिपोर्ट पर अब भी कायम हैं। एंडरसन ने कहा कि हिंडनबर्ग की जनवरी, 2023 की रिपोर्ट जिसमें अदाणी समूह पर ‘‘कॉरपोरेट इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी’’ का आरोप लगाया गया था, वह मीडिया में समूह के खिलाफ प्रसारित खबरों का परिणाम थी।

एंडरसन पहली बार इलेक्ट्रिक ट्रक कंपनी निकोला के खिलाफ एक रिपोर्ट के कारण चर्चा में आए थे। उन्होंने कार्ल इकान की इकान एंटरप्राइजेज एल.पी.सहित प्रमुख वित्तीय हस्तियों की कंपनियों पर भी हमला बोला था। पिछले आठ वर्षों में से अधिकतर समय उन्होंने हमेशा अगली लड़ाई की तैयारी में बिताया। यह पूछे जाने पर कि क्या वह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट, खासकर अदाणी समूह के खिलाफ जारी रिपोर्ट पर अडिग हैं। एंडरसन ने कहा, हम अपने सभी शोध निष्कर्षों के साथ पूरी तरह खड़े हैं।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर भारत में नियामक निकायों की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, हम अपनी भूमिका पारदर्शिता की आवश्यकता वाले मुद्दों पर शोध करने और लिखने तक सीमित रखते हैं। बाकी सब हमारे हाथ में नहीं है। उन्होंने हेज फंड के साथ रिपोर्ट साझा करने के आरोपों का खंडन करते हुए कहा, हमने हमेशा अपने सभी शोधों पर पूर्ण संपादकीय नियंत्रण बनाए रखा है। हिंडनबर्ग की शुरुआत 2017 में की गई थी। इसकी अंतिम प्रकाशित रिपोर्ट इस वर्ष की शुरुआत में ऑनलाइन कार खुदरा विक्रेता कारवाना पर थी।

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