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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंम्प के भ्रष्टाचार विरोधी मामलों पर लगाई रोक

Mandatory Credit: Photo by Evan Vucci/AP/Shutterstock (10434333bm) Donald Trump, Sauli Niinisto. President Donald Trump speaks during a meeting with Finnish President Sauli Niinisto in the Oval Office of the White House, in Washington Trump, Washington, USA - 02 Oct 2019

रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्पति पद समाप्त होने के पांच दिन बाद अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रम्प पर लगे उन मुकदमों को रोक दिया जिन में कहा गया था कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अमेरिकी संविधान के भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों का उल्लघंन किया था।

इस कार्यवाही का मतलब ये है कि मुकदमे के चार साल बाद अमेरिकी न्यायिक निकाय संविधानिक कानूनों के अर्थ और दायरों पर शासन नहीं करेगा। इस कानून के अंतर्गत राष्ट्रपति को किसी भी विदेशी राज्य या सरकार से किसी भी तरह का उपहार या भुगतान स्वीकार करने पर भी रोक लगाई जाती है।

न्यायाधीशों ने निचली अदालत के उन फैसलों को खारिज कर दिया जिन्होंने मुकदमों पर रोक लगाने का आदेश दिया था, इनमें से एक मामला मैरीलैंड राज्य द्वारा दायर किया गया था और दूसरा वॉशिंगटन के वॉचडॉग ग्रुप सिटिजन्स फॉर रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड एथिक्स द्वारा दायर किया गया था। ट्रंम्प ने निचली अदालत से फैसलों की अपील की थी।

फ्राश और रेसिन ने कहा कि ट्रंम्प के न्याय विभाग ने उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को उजागर होने से रोका है।

राष्ट्रपति जो बाईडेन के प्रशासन के न्याय विभाग ने सुप्रीम कोर्ट की किसी भी कार्यवाही पर टिप्पणी देने से इंकार कर दिया है।

अभियोगियों ने बताया कि जिन लोगों ने अपने व्यवसाय से ऊपर ट्रंम्प के व्यवसाय को महत्त्व दिया था उन्होंने अपना ग्राहक संरक्षण,मजदूरी और कमीशन खो दिया।

कांग्रेसी डेमोक्रेट्स द्वारा ट्रंम्प पर दायर किया गया तीसरा मुकदमा सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए बंद कर दिया कि इस मुकदमे को आगे बढ़ाने के लिए ज़रूरी कानूनी अधिकारों की कमी है।

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