सीरिया, अल तनफ़ सैन्य अड्डे से भाग रहे हैं अमेरीकी सैनिक सीरियाई सूत्रों का कहना है कि अमेरिकियों ने अल तनफ़ सैन्य अड्डे से अपनी अधिकांश सेना वापस ले ली है।
सीरिया के अल-वतन समाचार पत्र ने बताया कि अमेरिकी गठबंधन ने अपने कुछ बलों को विशेष आश्रयों में रखे हुए है और अपने अधिकांश बलों को जॉर्डन में स्थानांतरित कर दिया है। सूत्रों ने जोर देकर कहा कि अमेरिकी गठबंधन ने सैन्य अड्डे के अंदर आश्रयों को हथियारों से लैस किया है। अल-मायादीन समाचार पत्र ने भी बताया कि जवाबी हमलों के डर से अमेरिकियों ने अल तनफ़ सैन्य अड्डे से अपनी सेना वापस ले ली है।
अल तनफ़ सैन्य अड्डा सीरिया, इराक और जॉर्डन के सीमावर्ती त्रिकोण में स्थित है। यह अवैध रूप से बनाया गया था और इसमें 50 किमी का नो-गो क्षेत्र है। अल तनफ़ क्षेत्र महत्वपूर्ण और भू-रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका और इस्राईल के लिए यह ईरान, इराक और सीरिया के गलियारे में बाधा उत्पन्न करने की भूमिका निभाता है। नॉर्वे की विश्लेषक पामेला स्पेंसर का कहना है कि अल तनफ़ में अमेरिकी सैन्य अड्डा पश्चिम एशियाई क्षेत्र में देश के सबसे बड़े सैन्य ठिकानों में से एक है।
ग़ौरतलब है कि पूर्वी सीरिया में अमेरिकी सैन्य अड्डे को गुरुवार सुबह रॉकेट से निशाना बनाया गया। सबरीन न्यूज ने बताया कि हमला पूर्वी सीरिया के अल उमर तेल क्षेत्र में हुआ। कल सैन्य अड्डे पर भी हमला किया गया था। अमेरिकी ठिकानों पर हमलों को कभी एक विशेष अधिनियम और अपवाद माना जाता था लेकिन आज अमेरिकी ठिकानों पर हमले आम हो गए हैं। हाल के घटनाक्रम से पता चला है कि अमेरिकी प्रतिरोध बलों द्वारा मिसाइल और ड्रोन हमलों के विकास का विरोध करने में असमर्थ रहे हैं।
अमेरिका मध्य पूर्व में स्थित अपने सैन्य ठिकानों पर हमले की खुफिया सूचना के बाद एक्शन में है। इस क्षेत्र में मौजूद सभी अमेरिकी मिशनों और सैन्य बेसों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इतना ही नही, अमेरिका ने शॉर्ट नोटिस पर नान स्टॉप फ्लाइट के जरिए अपने बी-52 स्ट्रैटजिक परमाणु बॉम्बर्स के एक स्कॉड्रन को भी खाड़ी देशों में तैनात कर दिया है।