अमेरिकी सांसद ने मोदी सरकार को घेरा, मुस्लिम विरोध का आरोप
अमेरिका की डेमोक्रेट सांसद इल्हान उमर अब्दुल्लाही ने मोदी सरकार पर मानव अधिकारों के उल्लंघन एवं मुस्लिम विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए बाइडन प्रशासन से सवाल किए हैं।
फिलिस्तीन समेत दुनिया भर के कई ज्वलंत मुद्दों पर मुखर आवाज उठाने वाली इल्हान उमर ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मोदी सरकार मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है लेकिन बाइडन प्रशासन इसकी आलोचना करने का इच्छुक भी नजर नहीं आ रहा है।
इल्हान उमर ने कहा कि बाइडन प्रशासन मोदी सरकार के मानव अधिकारों के उल्लंघन करने की आलोचना को लेकर इतना अनिच्छुक क्यों है ? बता दें कि अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति ने गत सप्ताह ही इस संबंध में सुनवाई की है।
डेमोक्रेट सांसद इल्हान उमर ने भारत में मुस्लिमों के मानवाधिकारों के हनन का मुद्दा उठाया और बाइडन प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बाइडन प्रशासन इसकी आलोचना करने को भी तैयार नजर नहीं आ रहा है, जिस पर मंत्री वेंडी शर्मन ने कहा कि बाइडन प्रशासन ने भारत समेत सभी देशों के समक्ष मानव अधिकारों के मुद्दे को उठाया है।
भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के अधिकारों के उल्लंघन पर बात करते हुए इल्हान उमर ने अमेरिकी संसद की समिति के समक्ष कहा कि एक लंबे समय से भारत में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से कहा कि आप मोदी सरकार की आलोचना क्यों नहीं करते ? मोदी सरकार ने भारत में मुस्लिम होना अपराध जैसा बना दिया है। अमेरिका को दुनिया भर में मानव अधिकारों के हनन के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
इल्हान उमर के सवाल पर अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने कहा कि हम भारत समेत अन्य देशों के समक्ष मानवाधिकारों के लिए आवाज उठाते रहे हैं। हम उन देशों में भी मानवाधिकारों के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं जहां की सरकार के साथ हमारे कई अन्य एजेंडे हैं। आप इसे हर देश में देखेंगे। यह जरूरी है कि जिन देशों में हमारे बहुत से हित हैं उनसे मानवाधिकारों की चिंता को लेकर हमें बात करना चाहिए। हम मानवाधिकारों के लिए दबाव डालने वाले एनजीओ का समर्थन करते हैं। हम पत्रकारों की आजादी का समर्थन करते हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि पिछली बार जब मैं भारत यात्रा पर गई थी तो एलजीबीटीक्यूआई प्लस समुदाय से मुलाकात की थी। बाइडन ने जब राष्ट्रपति पद के रूप में शपथ ली थी तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि हमारी विदेश नीति में मानवाधिकार का मुद्दा प्रमुख होगा। शरमन ने कहा कि मैंने जब भी किसी देश की सरकार से बातचीत की है तो हम ने मानवाधिकारों के मुद्दे को उठाया है।
अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने कहा कि हम मानवाधिकार रिकॉर्ड के बारे में चिंतित हैं। यह हमारी बातचीत का प्रमुख हिस्सा होता है हालांकि शरमन के जवाब से डेमोक्रेट सांसद संतुष्ट नजर नहीं आयी।