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चीन से निपटने की रणनीति, वाशिंगटन को लगाएगी 1 अरब डॉलर का चूना

चीन से निपटने की रणनीति वाशिंगटन को लगाएगी 1 अरब डॉलर का चूना प्रशांत महासागर में दशकों से अमेरिका और चीन के बीच द्वंद जारी है।

चीन से निपटने के लिए अमेरिका की रणनीति वाशिंगटन के लिए एक अरब डॉलर की गलती साबित हो सकती है।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दशकों द्वंद में उलझे रहने के बाद अमेरिका प्रशांत महासागर में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहा है। लेकिन अमेरिका इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए जो रकम खर्च कर रहा है वह एक रणनीतिक गलती हो सकती है।

द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका का लक्ष्य क्षेत्रीय लोगों की चिंताओं को दूर करना नहीं है बल्कि उसका एकमात्र लक्ष्य चीन के बढ़ते प्रभाव का सामना करना है।

अमेरिका ने इस क्षेत्र में जितना भी निवेश किया है उसके लिए उसने क्षेत्रीय नेताओं से ना तो कोई विचार विमर्श किया है और ना ही उनकी प्राथमिकताओं और समस्याओं को समझा है।

उसका एकमात्र लक्ष्य चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने और अपनी सुरक्षा को मजबूत करना है। क्षेत्रीय देश नहीं चाहते कि वह चीन और अमेरिका में से किसी एक का चयन करें। ना ही वह इन देशों का मोहरा बनना चाहते हैं।

अमेरिका के लिए बेहतर होगा कि वह इस क्षेत्र में चीन का सामना करने के नाम पर भारी बजट खर्च करने के बजाय क्षेत्रीय जनता की मुश्किलों को दूर करने के बारे में सोचे और उनकी समस्याओं का समाधान करे । विशेषकर उस समय जब क्षेत्रीय देश अपने देशों में चीनी निवेश के इच्छुक भी हैं और इस आर्थिक महाशक्ति के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं।

इस अवस्था में दोनों महा शक्तियों की प्रतिद्वंदिता प्रभावहीन है और इसका सबसे बुरा नतीजा एक स्ट्रैटेजिक हार के रूप में सामने आएगा।

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