सऊदी युवराज ने अब्राहम समझौते में शामिल होने का ट्रंप का प्रस्ताव ठुकराया: रिपोर्ट
सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक गोपनीय बैठक में इज़रायल के साथ संबंध सामान्य करने के अमेरिकी प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। एक्सियोस की रिपोर्ट के अनुसार युवराज ने स्पष्ट रूप से कहा कि इज़रायल के साथ किसी भी प्रकार के सामान्य संबंध तब तक संभव नहीं हैं जब तक एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी राज्य के गठन का विश्वसनीय, अंतिम और समयबद्ध मार्ग प्रस्तुत न किया जाए।
इसी बीच अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप इस बैठक में सऊदी अरब को अब्राहम समझौते में शामिल करने पर ज़ोर दे रहे थे, जिस कारण बातचीत तनावपूर्ण हो गई। ट्रंप ने मोहम्मद बिन सलमान की प्रशंसा करते हुए उन्हें “मज़बूत इंसान” कहा और यह दोहराया कि बातचीत का रास्ता खुला है। लेकिन सूत्रों के अनुसार युवराज अपने रुख पर अडिग रहे। एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि ट्रंप का मानना है कि पश्चिम एशिया के सभी देशों को अब्राहम समझौते में शामिल होना चाहिए, लेकिन सऊदी अरब की स्थिति स्पष्ट और स्थिर है।
अब्राहम समझौते मूल रूप से इज़रायल और कई अरब देशों के बीच राजनयिक संबंध सामान्य करने वाले समझौतों का समूह है, जो वर्ष 2020 में ट्रंप प्रशासन की मध्यस्थता में तय हुए थे। जहाँ इज़राइल, अमेरिका और समझौते में शामिल अरब देशों ने इसे क्षेत्र में शांति, स्थिरता और प्रगति का नया दौर बताया, वहीं फ़िलिस्तीनी नेतृत्व और अरब जनता के एक बड़े हिस्से ने इसका विरोध किया। उनका कहना है कि यह समझौता फ़िलिस्तीनियों के अधिकारों की अनदेखी करता है और इज़रायल को कब्ज़ा जारी रखते हुए स्वीकार्यता प्राप्त करने का अवसर देता है।
बैठक के बाद जारी बयान में राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका, इज़रायल द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उन्नत एफ-35 लड़ाकू विमान का वही मॉडल सऊदी अरब को उपलब्ध कराएगा।

