अमेरिका ने फिर दोहराया, दुनिया को ईरान के तेल की ज़रूरत
अमेरिका और ईरान के संबंधों में ईरान की इस्लामी क्रांति के बाद से ही आया तनाव समय के साथ और बढ़ा है.
एक ओर जहाँ अमेरिका ईरान के खिलाफ लगातार बयानबाज़ी कर रहा है वहीं ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते में वापस पलटने के लिए भी प्रयास कर रहा है और अपनी शर्तें थोपने के लिए धमकी और प्रतिबंधों का सहारा लेना से बाज़ नहीं आ रहा है.
रूस और यूक्रेन संकट के बाद दुनिया और खासकर यूरोप में फैले ऊर्जा संकट के बीच एक बार फिर अमेरिका और यूरोप को ईरान की याद सता रही है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय में नंबर टू की हैसियत रखने वाली वेंडी शरमन ने कहा है कि ईरान के साथ परमाणु समझौते में वापसी की उम्मीदें अभी खत्म नहीं हुई हैं. अमेरिका कि उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन ने कहा कि यह समझौता अभी खत्म नहीं हुआ है हमे उम्मीद है कि हम ईरान के साथ एक समझौते तक पहुँचने में सफल रहेंगे.
अमेरिका के अन्य अधिकारियों की तरह ही वेंडी शरमन ने गेंद ईरान के पाले में डालते हुए कहा कि हमारे हिसाब से एक अच्छे समझौते की संभावना है यह तेहरान है जिसे अब हाँ कहना है. उन्होंने कहा कि यह समझौता हर तरह से ईरान के लिए फायदे का सौदा है. उन पर लगे रतिबंध कम होंगे उनकी अर्थव्यवस्था में सुधार होगा और वह एक बार फिर इंटरनेशनल मार्किट में अपना तेल बेच सकेंगे आज दुनिया को उनके तेल की ज़रूरत भी है.
वेंडी शरमन ने दावा करते हुए कहा कि परमाणु समझौते में अमेरिका की वापसी ईरान के लिए फायदे का सौदा साबित होगी. ऐसा करना ईरान के हित में है, लेकिन उन्हें आम सहमति तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। अमेरिका की उप विदेश मंत्री ने दावा करते हुए कहा कि यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी और इंग्लैंड, चीन और रूस समेत जिन्होंने भी इस समझौते पर बातचीत की है, सभी इस समझौते को चाहते हैं.