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अमेरिका, 9 वर्ष की नाबालिग बच्ची के हाथों का बाँधकर पेपर स्प्रे करती पुलिस

अमेरिका में आये दिन पुलिस की ज़्यादती की खबरें मीडिया की सुर्ख़ियों में रहती है अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की अमेरिकी पुलिस की क्रूरता का कारण हुई मौत ने दुनिया भर में हंगामा मचा दिया था। अब अमेरिकी पुलिस की निर्दयता का निशाना एक 9 वर्षीय बच्ची बनी है। रोचेस्टर पुलिस ने रविवार को पुलिस अधिकारियों के ‘बॉडी कैमरा’ के दो वीडियो जारी किए हैं, जिसमें अधिकारी नौ वर्षीय एक बच्ची को काबू में करने के लिए कुछ स्प्रे करते नजर आ रहे हैं और बच्ची के हाथ भी बंधे हैं। पुलिस का कहना है कि वह ‘पेपर स्प्रे’ था।
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार रोचेस्टर की मेयर लवली वॉरेन ने ‘‘शुक्रवार को हुए इस हादसे की पीड़ित बच्ची’’ को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मेरी भी 10 साल की एक बेटी है…एक मां के तौर पर यह वीडियो आप कभी नहीं देखना चाहेंगे।’
कहा जा रहा हाउ कि शुक्रवार को ‘पारिवारिक विवाद’ की खबर मिलने के बाद कुल नौ अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। अपने पिता से अलग करने की कोशिश करते समय बच्ची की वीडियो में चिल्लाने की आवाज सुनाई दे रही है। पुलिस उप प्रमुख आंद्रे एंडरसन ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन बच्ची को आत्मघाती बताया।

एंडरसन ने कहा, ‘‘ वह खुद को मारना चाहती थी और वह अपनी मां की भी हत्या करनी चाहती थी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने उसे गश्ती गाड़ी में बैठाने की कोशिश की लेकिन उसने उन्हें लात मारनी शुरू कर थी। पुलिस विभाग ने बताया कि बच्ची को नियंत्रित करने के लिए यह कार्रवाई ‘‘आवश्यक’’ थी।

पुलिस के अनुसार ‘नाबालिग की सुरक्षा और अभिभावक के अनुरोध के बाद बच्ची के हाथ बांधे गए थे और एम्बुलेंस आने तक उसे पुलिस के वाहन में बैठाया गया था। पुलिस प्रमुख सिनथिया हैरिएट सुलिवन ने रविवार को बताया कि बच्ची पर ‘पेपर स्प्रे’ छिड़का गया था। हालांकि उन्होंने अधिकारियों की इस कारवाई का बचाव नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां खड़े होकर यह नहीं कहने वाली कि नौ साल की बच्ची पर पेपर स्प्रे करना ठीक था…क्योंकि ऐसा नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि एक विभाग के तौर पर जो हम हैं, यह उसको प्रदर्शित नहीं करता और हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि ऐसा दोबारा ना हो।’’

बच्ची को बाद में ‘रोचेस्टर जनरल हॉस्पिटल’ ले जाया गया। वहां उसका इलाज किया गया और बाद में उसे परिवार के हवाले कर दिया गया। रोचेस्टर पुलिस विभाग पिछले साल डेनियल प्रूड के मामले में भी सवालों के घेरे में आ गया था, जब उसके कुछ अधिकारियों ने प्रूड के सिर को किसी कपड़े से ढक उसका मुंह फुटपाथ में दबा दिया था।

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