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रमन वाटर केबल परियोजना से जुड़ेंगे सऊदी अरब और इस्राईल

रमन वाटर केबल परियोजना से जुड़ेंगे सऊदी अरब और इस्राईल इस्राईल और सऊदी अरब को गूगल और स्पार्कल का नया प्रोजेक्ट एक दूसरे से जोड़ेगा।

रमन वाटर केबल परियोजना पर रिपोर्ट देते हुए इस्राईल के प्रख्यात समाचार पत्र इस्राईल ह्यूम ने कहा है कि जल्दी ही इस्राईल के दूरसंचार मंत्री और गूगल के प्रतिनिधियों के बीच रमन वाटर केबल परियोजना से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं जो इस्राईल से सऊदी अरब फिर ओमान और वहां से हिंदुस्तान तक बिछाया जाएगा।

16 जोड़ी फाइबर ऑप्टिक्स से बना यह केबल बड़ी डाटा ट्रांसमिशन की क्षमता रखता है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से दुनियाभर के साथ इस्राईल के डिजिटल संचार में काफी सुधार आएग।

अश्कलोन और ईलात के मध्य तेल पाइपलाइन की तरह, तथा भूमध्य सागर से ईलात खाड़ी तक इस्राईल की भूमि के माध्यम से यह केबल पहुंचेगा। वहां से सऊदी अरब, ओमान और वहां से भारत तक यह केबल लाइन बिछाई जाएगी।

कहा जा रहा है कि इस परियोजना के पूरा होने में कम से कम 3 साल लग सकते हैं। यह गूगल और स्पार्कल की साझेदारी में एक वैश्विक परियोजना है जो इन कंपनियों की सेवा को अधिक उन्नत बनाने एवं यूरोप और एशिया को एक दूसरे से जोड़ने की महत्वकांक्षी योजना का हिस्सा है।

तकनीकी पहलुओं के अलावा इस केबल परियोजना के लिए इस्राईल का चुनाव इस देश के लिए राजनीतिक एवं भू राजनीतिक महत्व रखता है। इस्राईल के अधिकारियों के अनुसार इस देश से इस केबल का गुज़रना एशिया और यूरोप के बीच हमारे महत्व को और अधिक बढ़ा देता है।

आई 24 न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार इस्राईल ह्यूम ने गूगल के हवाले से कहा कि दुनिया भर के गूगल उपयोगकर्ताओं और ग्राहकों के लिए नेटवर्क की क्षमता में विकास एवं अतिरिक्त विकल्प आवश्यक है।

बताते चलें कि इस परियोजना का नाम भारत के प्रतिष्ठित भौतिक विज्ञानी सर चंद्रशेखर वेंकटरमन के नाम पर रखा गया है जिन्हें 1930 में भौतिकी विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह एशिया के पहले व्यक्ति थे जिन्हें इस क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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