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सऊदी और अमीरात को हथियार आपूर्ति पर रोक और यमन की नाकाबंदी खत्म हो

पिछले 5 साल से चल रहे यमन युद्ध ने अरब के इस सबसे ग़रीब देश को बर्बादी की गर्त में धकेल दिया है। गंभीर मानवीय त्रासदी का सामना कर रहे यमन पर सऊदी अरब के हमलों में अब तक हज़ारों लोग मारे गए हैं जिन में बड़ी संख्या में महिलाये और बच्चे भी शामिल हैं। सऊदी अरब नीत अतिक्रमणकारी गठबंधन के हमलों के कारण जहाँ यमन की हालत जर्जर हो चुकी है।
दुनिया भर के 99 मानवाधिकार संगठनों ने मांग करते हुए कहा कि यमन की नाकाबंदी के कारण देश की 80% जनता को तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है जिसमे 12 मिलियन से अधिक बच्चें हैं।
इन 99 संगठनों ने मांग की कि यमन की नाकाबंदी खत्म की जाए , सनआ एयरपोर्ट और हुदैदह बंदरगाह को खोला जाये ताकि यमन तक सहायता पहुंचाई जा सके और ज़रूरतमंदों को इलाज के लिए ले जाने में आसानी हो तथा सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को हथियारों की बिक्री पर रोक लगायी जाए।

यमन के खिलाफ जारी युद्ध को रोकने की गुहार लगाते हुए दुनिया भर के 99 मानवाधिकार संगठनों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए यमन युद्ध को तत्काल रोकने और सऊदी अरब तथा अरब अमीरात को हथियार आपूर्ति पर रोक लगाने की मांग की है।
इस बयान में कहा गया है कि इस युद्ध के नतीजे में दसियों हज़ार लोगों की जान चली गई है तथा इस देश का मूल आधार ढांचा नष्ट हो गया है यमन के नागरिकों को मुश्किल से ही खाद्यय सामग्री और ज़रूरी दवा मिल पा रही है।
इस बयान में फ़्रांस और ब्रिटेन से विशेष रूप से अनुरोध किया गया है कि वह अबू धाबी और रियाज़ को हथियार की आपूर्ति रोक दे विशेष कर इस समय में जब युद्ध विराम की अवस्था बन रही है।

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