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पिछले दो महीनों में एक लाख यूक्रेनी युवाओं का देश से पलायन

पिछले दो महीनों में एक लाख यूक्रेनी युवाओं का देश से पलायन

यूक्रेन में युवाओं पर लगी यात्रा पाबंदियों में ढील के बाद देश से बड़ी संख्या में युवा बाहर जा रहे हैं। केवल दो महीनों में क़रीब एक लाख (1,00,000) यूक्रेनी पुरुष, जिनकी उम्र 18 से 22 वर्ष के बीच है, देश छोड़ चुके हैं। इस स्थिति ने यूरोपीय देशों, ख़ासकर जर्मनी में चिंता बढ़ा दी है।

ब्रिटिश अखबार “द टेलीग्राफ” की रिपोर्ट के अनुसार, यह पलायन यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की द्वारा किए गए हालिया फैसले का नतीजा है। उन्होंने इस वर्ष गर्मियों में एक नया कानून पारित किया, जिसके तहत 23 साल से कम उम्र के पुरुषों को विदेश यात्रा की अनुमति दी गई।

रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद लागू सैन्य आपातकाल के अंतर्गत 18 से 60 वर्ष के पुरुषों को देश छोड़ने पर रोक थी लेकिन, सेना में बढ़ती मानवबल की कमी के कारण सरकार ने भर्ती नीति में बदलाव किया और सेना में अनिवार्य भर्ती की आयु सीमा 27 से घटाकर 25 वर्ष कर दी। इस बदलाव के साथ यात्रा पाबंदियों में भी कुछ राहत दी गई।

यूक्रेनी सरकार को उम्मीद थी कि इससे युवा भविष्य में स्वेच्छा से सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित होंगे। साथ ही यह कदम उन परिवारों को भी रोक सकेगा जो अपने किशोर बच्चों को 18 साल से पहले विदेश भेज देते हैं ताकि वे आगे चलकर सैन्य भर्ती से बच सकें। हालांकि यह नीति उलटी पड़ गई। राहत मिलने के बाद यूक्रेन से युवाओं का पलायन तेजी से बढ़ गया।

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