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उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम फिर गरमाया, यूएन ने जताई चिंता

उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम फिर गरमाया, यूएन ने जताई चिंता  उत्तर कोरिया ने 2009 में संयुक्त राष्ट्र की न्यूक्लियर एजेंसी के निरीक्षकों को देश से बाहर निकाल दिया था।

उत्तर कोरिया में संयुक्त राष्ट्र की परमाणु ऊर्जा एजेंसी 2009 के बाद से ही नहीं पहुंच सकी है। संयुक्त राष्ट्र संघ की परमाणु ऊर्जा एजेंसी IAEA का कहना है कि वह उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर नज़र रखने के लिए सैटेलाइट इमेजरी और ओपन सोर्स इंफॉर्मेशन का इस्तेमाल करती है।

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु रिएक्टर को फिर से शुरू कर दिया है। उत्तर कोरिया अमेरिका के साथ लंबे समय से बातचीत की प्रक्रिया में लगा हुआ है। उसने इस प्रभावहीन वार्ता के बीच एक बार फिर से अपनी परमाणु क्षमता को बढ़ाने की धमकी दी थी।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि जुलाई 2021 की शुरुआत से उत्तर कोरिया के परमाणु रिएक्टर शुरू होने के संकेत मिले हैं। इस साल फरवरी के मध्य से जुलाई की शुरुआत तक उनकी रेडियोकेमिकल लैब के शुरू होने के संकेत मिल रहे हैं।

उत्तर कोरिया के रिएक्टर से निकलने वाले मलबे से आभास होता है कि उसकी परमाणु बम बनाने की मुहिम जारी है । संयुक्त राष्ट्र परमाणु ऊर्जा एजेंसी के अनुसार उत्तर कोरिया की परमाणु गतिविधियां चिंता का कारण है।

याद रहे कि 2019 की शुरुआत में किम जोंग उन और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच हुई वार्ता में ट्रम्प ने उत्तर कोरिया को अपने परमाणु रिएक्टर नष्ट करने की पेशकश की थी जिसे उत्तर कोरिया ने ठुकरा दिया था।

2018 में दक्षिण कोरिया ने अनुमान लगाते हुए कहा था कि उत्तर कोरिया के पास पहले से ही 20-60 परमणु हथियार हो सकते हैं। उत्तर कोरिया ने अमेरिका को अपने विरुद्ध शत्रुतापूर्ण नीतियां न छोड़ने के नतीजे में अपना परमाणु कार्यक्रम और तेज़ करने की धमकी दी है।

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