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अगर फिलिस्तीनियों के वैध अधिकार नहीं दिए गए तो फिलिस्तीन मुद्दे पर यह आखिरी युद्ध होगा: फ़िलिस्तीनी राजदूत

अगर फिलिस्तीनियों के वैध अधिकार नहीं दिए गए तो फिलिस्तीन मुद्दे पर यह आखिरी युद्ध होगा: फ़िलिस्तीनी राजदूत

एक राजदूत किसी देश या क्षेत्र का प्रतिनिधि होता है। उसकी बातें उसके देश या क्षेत्र की बातें होती है, इसलिए भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबुल हिजा, जो खुद को मर्द मुजाहिद कहते हैं, फिलिस्तीन और फिलिस्तीनियों के प्रवक्ता हैं। उनका मानना है कि भारत, इज़रायल और फिलिस्तीन दोनों का मित्र है। भारत एक बड़ा और महत्वपूर्ण देश है,उसे फ़िलिस्तीनी समस्या के समाधान में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए।

हालांकि, अदनान अबुल हिजा का कहना है कि इज़रायल अमेरिका के लिए एक सैन्य अड्डे की तरह है। अगर इज़रायल नहीं होता तो अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपने हितों की रक्षा के लिए एक नया इज़रायल बना लिया होता। फिलिस्तीनी राजदूत अदनान अबुल हिजा का यह भी कहना है कि अगर फिलिस्तीनियों को वैध अधिकार नहीं दिए गए तो यह युद्ध फिलिस्तीनी मुद्दे के संबंध में आखिरी युद्ध होगा।

उन्होंने कहा कि मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं कि पश्चिम एशिया में स्थायी शांति के लिए भारत को अहम भूमिका निभानी चाहिए।’ यह क्षेत्र भारत के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। वहां स्थायी शांति स्थापित करना भारत के भी हित में है। इस वक्त सबसे अहम बात ये है कि युद्ध रुकना चाहिए। ग़ज़्ज़ा में 2.2 मिलियन लोग रहते हैं। जितनी जल्दी हो सके उन तक मदद पहुंचे, खासकर खाना, पानी, दवाइयां पहुंचें। बिजली आपूर्ति बहाल की जाए। शांति प्रक्रिया बहाल की जाए।

इसीलिए हम जल्द से जल्द युद्ध-विराम चाहते हैं, लेकिन हम देख रहे हैं कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों ने संयुक्त राष्ट्र में क्या किया है। उनकी हरकतों से ऐसा लगता है कि वे युद्ध को ख़त्म नहीं होने देना चाहते, लेकिन अगर फ़िलिस्तीनियों को उनके वैध अधिकार नहीं दिए गए तो यह युद्ध फ़िलिस्तीनी मुद्दे के संबंध में अंतिम युद्ध होगा।

सभी फ़िलिस्तीनी एकजुट हैं। फ़िलिस्तीनियों की स्थिति स्पष्ट है कि इज़रायल न केवल हमास का, बल्कि सभी फ़िलिस्तीनियों का दुश्मन है। हमास, अल-फतह, जिहाद ही नहीं, बल्कि उन्हें उसे सभी फिलिस्तीनियों का अस्तित्व पसंद नहीं है। उन्हें फ़िलिस्तीन का अस्तित्व पसंद नहीं है। ग़ज़्ज़ा के मुद्दे पर सभी फिलिस्तीनी एकजुट हैं।

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