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रूस और चीन हुए और क़रीब, दोनो देशों के बीच खुला पहला पुल

उद्घाटन समारोह के दौरान रूसी शहर ब्लागोवेशचेंस्क और चीनी शहर हेहे को जोड़ने वाले अमूर (हेइलोंगजियांग) नदी पर पहले सीमा पुल का एक दृश्य।

रूस और चीन हुए और क़रीब, दोनो देशों के बीच खुला पहला पुल

रूस और चीन के बीच 1980 के दशक के आखिर से रिश्ते ठीक होने के बाद आपसी व्यापार भी बढ़ा है।

रूस और चीन के बीच पहले सड़क पुल का उद्घाटन हो गया है। चीन और रूस ने अपने देशों के बीच बने पहले पुल का लोकार्पण किया। युक्रेन में हमले के चलते पश्चिमी देशों के निशाने पर आए रूस के लिए यह पुल एशिया में नया रास्ता खोलेगा। लगभग एक किलोमीटर लंबा यह पुल अमुर नदी पर बनाया गया है जो सुदूर पूर्वी रूसी शहर ब्लागोवेश्चेंस्क को चीन के उत्तर शहर हीहे से जोड़ता है। इस पुल का निर्माण कार्य दो साल पहले ही पूरा हो गया था लेकिन इसके उद्घाटन को दुनया में भर में फेले कोरोना वायरस के के कारण टाल दिया गया था।

ब्लागोवेश्चेंस्क में शुक्रवार को एक समारोह में इस पुल को मालवाहक ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया। पहले ट्रकों का स्वागत आतिशबाज़ी के साथ हुआ। दो ट्रैफिक लेन वाले इस पुल को बनाने में 19 बिलियन रूबल जो के 328 मिलयन डॉलर के बराबर होता है की लागत से बना है। इस लगत के आंकड़ों की पुष्टि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार की गई है। शीत युद्ध के दौरान कड़वे रिश्तों वाले रूस और चीन पिछले कुछ सालों में एक दूसरे के करीब आए हैं और दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ राजनैतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाया है।

यह दोनों देश अमेरिका के वैश्विक दबदबे और मनमानी को को कम करने के लिए एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। बता दें कि यह दोने देश रूस और चीन 4,250 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। दोनों देशों के बीच 1980 के दशक के आखिर से रिश्ते ठीक होने के बाद आपसी व्यापार भी बढ़ा है। लेकन क्षेत्र में परिवहन का ढांचा कम होने के कारण यह बहुत अधिक नहीं बढ़ पाया है।

 

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