ISCPress

नीदरलैंड: फुटबॉल मैच के बाद फिलिस्तीन समर्थकों और इज़रायली दर्शकों के बीच हिंसक झड़प

नीदरलैंड: फुटबॉल मैच के बाद फिलिस्तीन समर्थकों और इज़रायली दर्शकों के बीच हिंसक झड़प

नीदरलैंड में आयोजित एक बड़े फुटबॉल मैच के बाद तनावपूर्ण हालात देखने को मिले, जब फिलिस्तीन समर्थक और इज़रायली दर्शक एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए। यह घटना तब शुरू हुई जब मैच के खत्म होते ही कुछ इज़रायली दर्शकों ने अपने झंडे लहराए और नारेबाजी की, जिससे फिलिस्तीन समर्थकों में गहरी नाराजगी फैल गई। इस घटना ने देखते ही देखते एक बड़ी झड़प का रूप ले लिया, जिससे स्टेडियम के आसपास अफरातफरी मच गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इज़रायली दर्शकों के झंडे लहराने और इज़रायल के समर्थन में नारे लगाने से फिलिस्तीन समर्थक उग्र हो गए। विरोध में फिलिस्तीन समर्थकों ने भी फिलिस्तीन के झंडे लहराए और इज़रायल के खिलाफ नारे लगाए। इस दौरान हालात बेकाबू हो गए, और दोनों गुटों के बीच हिंसक झड़पें होने लगीं। फिलिस्तीन समर्थकों ने यह स्पष्ट किया कि वे इज़रायली नीतियों और फिलिस्तीन के प्रति किए जा रहे व्यवहार के खिलाफ हैं और अपनी आवाज उठाना उनका अधिकार है।

इस हिंसक घटना के दौरान कई लोग घायल हो गए, जिनमें से कुछ को गंभीर चोटें भी आईं। पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में तैनात करना पड़ा, और कुछ समय के लिए इलाके को सील करना पड़ा ताकि झड़पों को रोका जा सके। पुलिस ने दोनों पक्षों से कई लोगों को हिरासत में लिया और उन्हें शांत करने के प्रयास किए।

फिलिस्तीन समर्थकों ने मीडिया से बात करते हुए यह भी कहा कि फुटबॉल का खेल एक वैश्विक खेल है और इसे किसी भी प्रकार की राजनीतिक पहचान से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने इज़रायल समर्थकों पर आरोप लगाया कि उन्होंने खेल को राजनीति से जोड़ने का प्रयास किया और फिलिस्तीन समर्थकों को उकसाने के लिए जानबूझकर इस तरह के प्रतीकात्मक प्रदर्शन किए।

इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी जोर पकड़ा, और दुनिया भर के लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए। फिलिस्तीन समर्थकों ने इस घटना को लेकर अपना गुस्सा जताया और कहा कि इज़रायल समर्थक अपने राजनीतिक प्रतीकों का प्रदर्शन करके फिलिस्तीनियों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं। वहीं, इज़रायली समर्थकों ने कहा कि उन्हें अपने देश के समर्थन में झंडे लहराने का अधिकार है और वे किसी को उकसाने का प्रयास नहीं कर रहे थे।

इस घटनाक्रम ने नीदरलैंड प्रशासन और पुलिस के सामने एक चुनौती खड़ी कर दी है, जो इस प्रकार की स्थिति को रोकने के लिए आगे के कदम उठाने पर विचार कर रही है।

Exit mobile version