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कश्मीर पर ब्रिटिश सांसदों ने दिया भारत को झटका, प्रस्ताव पेश

कश्मीर पर ब्रिटिश सांसदों ने दिया भारत को झटका, प्रस्ताव पेश ब्रिटेन में सांसदों ने हाउस ऑफ कॉमंस में कश्मीर में मानव अधिकारों पर चर्चा के लिए एक प्रस्ताव रखा है।

कश्मीर पर ब्रिटिश सांसदों के इस प्रस्ताव पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि देश के अभिन्न हिस्से के संबंध में किसी भी मंच पर किए गए दावे को पुष्ट साक्ष्य के साथ प्रमाणित करने की आवश्यकता है। कश्मीर पर ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप {एपीपीजी} के सांसदों ने ब्रिटेन संसद में प्रस्ताव रखा है।

हालांकि राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में एशिया मामलों की मंत्री अमांडा मिलिंग में कश्मीर मुद्दे पर ब्रिटेन सरकार के रुख में कोई बदलाव न आने की बात दोहराई है। मिलिंग ने कहा है कि सरकार कश्मीर में स्थिति को बहुत गंभीरता से लेती है लेकिन पाकिस्तान और भारत दोनों को कश्मीरी लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए स्थाई समाधान तलाशना होगा। ब्रिटेन इसके समाधान के लिए मध्यस्थ के तौर पर काम करने का जिम्मेदार नहीं है।

भारत सरकार ने इस चर्चा में भाग लेने वाले सांसदों विशेषकर पाकिस्तान मूल की सांसद नाज शाह की भाषा पर निराशा जताई है। लंदन में भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधे जाने की निंदा करते हुए कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया है।

भारतीय उच्चायोग के अधिकारी ने 2002 में गुजरात दंगों पर शाह की टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय उच्चायोग इस बात पर दुखी है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के निर्वाचित नेता के खिलाफ आरोप लगाने के लिए एक साथी देश के लोकतांत्रिक संस्था का दुरुपयोग किया गया है।

भारतीय उच्चायोग पहले की तरह एक बार फिर यह दोहराता है कि भारत के अभिन्न हिस्से से संबंधित विषय पर किसी भी मंच पर कोई दावा पेश करने के लिए पुष्ट तथ्यों के साथ प्रमाणित करने की आवश्यकता है।

कश्मीर पर पेश प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में 20 से अधिक सांसदों ने भाग लिया। लेबर पार्टी के सांसद बेरी गार्डिनर ने पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो क्षेत्र में आतंकवादी शिविर को पनाह देता है। उन्होंने कहा पाकिस्तान तालिबानी नेताओं को पनाह देता रहा उसकी ख़ुफ़िया एजेंसी ने तालिबान समेत अन्य आतंकवादी संगठनों को हर तरह से सहयोग दिया है ।

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