रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो ब्रिटिश एवं सहयोगी सेनाएं तटस्थ रहेंगी यूक्रेन को लेकर पश्चिमी जगत लगातार प्रोपेगेंडा करने में लगा हुआ है ।
रूस की ओर से यूक्रेन पर संभावित हमले को लेकर अमेरिका और पश्चिमी जगत में आए दिन चर्चा का बाजार गर्म है। लेकिन इसी बीच ब्रिटिश रक्षा मंत्री ने स्पष्ट बयान देते हुए कहा है कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता भी है तो इस बात की संभावना बेहद कम है कि ब्रिटेन और उसके सहयोगी देश यूक्रेन की सहायता के लिए अपनी सेनाएं भेजेंगे।
ब्रिटिश रक्षा मंत्री ने कहा कि इस बात की संभावना बहुत कम है कि रूस पर यूक्रेन पर रूस के संभावित हमले की दशा में ब्रिटिश और उसके सहयोगी देशों की सेनाएं यूक्रेन की रक्षा के लिए आगे आएंगी।
आई मॉनिटर24 की रिपोर्ट केअनुसार ब्रिटिश रक्षा मंत्री ने स्पैक्टेटर पत्रिका को इंटरव्यू देते हुए कहा कि हमें लोगों के साथ मजाक नहीं करना चाहिए और यूक्रेन की जनता इस बात को भलीभांति जानती है। रूस ने पूर्वी यूक्रेन की सीमा पर अपने हजारों सैनिकों को तैनात कर रखा है। मास्को के इस कदम से हैरान पश्चिमी जगत ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मांग की है कि वह क्षेत्र में तनाव को कम करें।
पश्चिमी जगत के दावों के विपरीत रूस अपनी किसी भी ऐसी योजना के बारे में इंकार करता रहा है और नाटो तथा पश्चिमी जगत से मांग की है कि वह अपनी गतिविधियों को पूर्वी यूरोप में सीमित कर दे। याद रहे कि यूरोप सोवियत संघ के संभावित खतरे के जवाब में नाटो का गठन किया गया था।
I monitar24 ने बीबीसी के हवाले से कहा कि ब्रिटिश रक्षा मंत्री ने कहा कि यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है। अतः इस बात की संभावना बेहद कम है कि अगर यूक्रेन पर रूस की ओर से सैन्य चढ़ाई भी होती है तो नाटो वहां अपनी सेना को तैनात करेगा। इसलिए हम राजनीतिक रूप से इस समस्या का समाधान तलाश रहे हैं और कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाते हुए पुतिन को तनाव कम करने के लिए मनाने का प्रयास कर रहे हैं।
याद रहे कि इससे पहले ब्रिटेन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि हम यूक्रेन की जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए हैं और उनका समर्थन जारी रखेंगे। यूक्रेन रूस और यूरोपीय यूनियन के साथ सीमा साझा करता है। यूक्रेन सोवियत संघ का सदस्य रह चुका है और इस हिसाब से भी रूस के साथ उसके सांस्कृतिक एवं सामाजिक संबंध बहुत गहरे हैं।