संयुक्त राष्ट्र, यूक्रेन संघर्ष में अब तक कम से कम 847 नागरिक मारे गए मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने शनिवार शाम घोषणा की कि यूक्रेन में 19 मार्च तक कम से कम 847 नागरिक मारे गए और 1,999 घायल हुए।
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा कि अधिकांश हताहत भारी तोपखाने की गोलाबारी मिसाइल और हवाई हमलों जैसे विस्फोटक हथियारों से हुए थे। वास्तविक मृत्यु दर को काफी अधिक माना जाता है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय जिसकी यूक्रेन में एक बड़ी निगरानी टीम है अभी तक कई प्रभावित शहरों से हताहतों की रिपोर्ट की पुष्टि करने में सक्षम नहीं है।
कीव में अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद से यूक्रेन की राजधानी में चार बच्चों सहित 228 लोग मारे गए हैं। रॉयटर्स के मुताबिक कीव सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने एक बयान में कहा कि 912 अन्य लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन-रूस संघर्ष में एक चुनौती मारे गए लोगों की स्वतंत्र रूप से सटीक गणना करना भी है।
रूस और यूक्रेन दोनों ने ही एक दूसरे के हज़ारों सैनिकों को मारने के दावे किए हैं। अब रूस ने स्वीकार किया है कि इस लड़ाई में 24 फ़रवरी के बाद से अब तक उसके क़रीब 500 सैनिक मारे जा चुके हैं। यूक्रेन ने युद्ध में मारे गए अपने सैनिकों की ताज़ा संख्या तो नहीं बताई है लेकिन इतना ज़रूर कहा है कि उसके दो हज़ार से अधिक नागरिकों की मौत अब तक हो चुकी है।
युद्ध के दौरान देश जानकारी का इस्तेमाल रणनीति की तरह करते हैं। जानकारी के ज़रिए किसी उद्देश्य के लिए समर्थन या विरोध जुटाया जा सकता है। ऐसे में हो सकता है कि बहुत सी गलत जानकारियां साझा की जा रही हों। ऐसी स्थिति में संयुक्त राष्ट्र या मानवाधिकार समूह विश्वस्नीय जानकारी का स्रोत होते हैं लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध में वो भी सटीक जानकारी जुटाने में संघर्ष कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र की टीमों को अपने स्थान बदलने पड़े हैं और ख़राब सुरक्षा हालातों की वजह से वो मौकों पर जाकर नुकसान का सही आंकलन नहीं कर पा रहे हैं।