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अमेरिका की नीतियों में बदलाव नहीं, पूर्ववर्तियों की गलतियों को दोहरा रहे हैं बाइडन

यमन ने अमेरिका के प्रस्ताव को नकारते हुए कहा कि इस प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है अमेरिका और यूरोप पहले यमन की घेराबंदी और सऊदी हमलों को रोकने का उपाए खोजें उसके बाद वार्ता के लिए सोचना चाहिए।

यमन के प्रधानमंत्री के सलाहकार जनरल जलाल अल-रवीशान ने अल-मसीरा टीवी चैनल के साथ बातचीत करते हुए कहा कि अमेरिका की ओर से दिए गए प्रस्ताव में कुछ भी नई बात नहीं है। अमेरिका ने सिर्फ अपने हितों को साधने की कोशिश की है उसे दूसरों के अधिकारों और हितों से कोई सरोकार भी नहीं है।

मआरिब में जार संघर्ष के बारे में बात करते हुए अल-रवीशान ने कहा कि यह एक बड़ी लड़ाई है और यहां सऊदी अरब के हमलों की शुरूआत से ही लड़ाई जारी है। पश्चिमी मीडिया ने हमलावर देशों की मदद के लिए मआरिब मोर्चे का प्रोपैगंडा शुरू किया है, ताकि यमन संकट का कोई राजनीतिक समाधान नहीं निकल सके।

सऊदी अतिक्रमणकारी गठबंधन के खिलाफ प्रतिरोध के समर्थन के लिए बने जनमोर्चा की प्रमुख फ़ातिमा मोहम्मद ने कहा है कि मआरिब युद्ध में अंतरराष्ट्रीय आतकंवाद को जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा। सऊदी अरब ने मआरिब पर क़ब्ज़ा करने का प्रयास किया है, लेकिन हमलावरों का यह सपना कभी भी साकार नहीं हो सकेगा।

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