Site icon ISCPress

एप्पल: ‘‘आईफोन 17 एयर’’ में नहीं होगा सिम स्लॉट, इस्तेमाल करनी होगी ई-सिम

एप्पल: ‘‘आईफोन 17 एयर’’ में नहीं होगा सिम स्लॉट, इस्तेमाल करनी होगी ई-सिम

एप्पल अपना नया बेहद पतला आईफोन एयर भारत में लॉन्च करने जा रहा है, जिसे कुछ ही दिन पहले दुनिया भर में पेश किया गया था। सिर्फ 5.6 मिलीमीटर मोटाई के साथ, का कहना है कि ‘‘एयर इतना अविश्वसनीय रूप से पतला और हल्का है कि, यह आपके हाथ में लगभग गायब हो जाता है।’’ लेकिन एयर केवल डिजिटल ई-सिम को सपोर्ट करता है और इसमें कोई फिजिकल सिम कार्ड स्लॉट नहीं है। फिलहाल भारत में बिकने वाले केवल 10 से 15 प्रतिशत फोन ही ई-सिम सपोर्ट करते हैं, जबकि जो यूज़र फिजिकल सिम से ई-सिम पर स्विच कर चुके हैं उनकी संख्या इससे भी काफी कम है।

आईफोन एयर के सर्किट को डाक टिकट के आकार तक छोटा कर दिया गया है और इसके साथ ‘‘पूरे दिन चलने वाली बैटरी’’ का वादा किया गया है। विश्लेषकों का मानना है कि एप्पल का यह कदम भारत में ई-सिम को अपनाने की प्रक्रिया को तेज़ करेगा। टिम कुक ने कैलिफोर्निया के क्यूपरटिनो स्थित एप्पल मुख्यालय में इसे लॉन्च किया। यह फोन 19 सितंबर के बाद उपलब्ध होगा।

आईफोन एयर ने अपना नाम और डिज़ाइन का दर्शन लगभग 17 साल पहले जॉब्स द्वारा पेश किए गए पहले बेहद पतले मैकबुक एयर लैपटॉप से लिया है। वैश्विक स्तर पर ई-सिम को अपनाने की रफ्तार बढ़ रही है। रोलांड बर्गर के मुताबिक, 2030 तक ई-सिम के ज़रिए होने वाले वैश्विक स्मार्टफोन कनेक्शनों में 75% तक वृद्धि होगी, जबकि 2023 में यह आंकड़ा केवल 10% था। जीएसएमए इंटेलिजेंस के अनुसार, 2025 तक दुनिया भर में लगभग 2.4 बिलियन ई-सिम कनेक्शन होंगे, जो सभी स्मार्टफोनों का करीब एक-तिहाई होंगे।

एयरटेल और जियो ने अपने यूज़र्स को ई-सिम के फ़ायदे बताकर इसकी ओर आकर्षित करने की कोशिश की है। भारत में लगभग तीन सालों से उपलब्ध ई-सिम के कई अन्य फायदे भी हैं। यूज़र एक ही डिवाइस पर कई नेटवर्क और नंबर रख सकते हैं, जो ऑफिस और पर्सनल कॉल्स के लिए उपयोगी है। यह फोन बदलने की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं। डिजिटल सिम हटाई नहीं जा सकती, जिससे खोए हुए स्मार्टफोन को ट्रैक करना भी आसान हो जाएगा।

भारत में शुरुआती तौर पर कुछ रुकावटें भी सामने आएंगी। यहां बिकने वाले बजट और मिड-रेंज फोनों की बड़ी संख्या में अब भी ई-सिम हार्डवेयर सपोर्ट की कमी है। कारोबारी कवरेज, सप्लाई चेन और रेगुलेटरी मुद्दे भी चुनौती बन सकते हैं। उपभोक्ता अक्सर असमंजस में रहते हैं कि अगर फोन खो जाए या बदला जाए तो सिम ट्रांसफर, वेरिफिकेशन और सिक्योरिटी जैसी चीज़ें practically कैसे काम करेंगी।

एप्पल के लिए फ़ायदे साफ़ हैं। सिम ट्रे को हटाने से बेहद पतले डिवाइस में जगह बचती है और सिम ट्रे हार्डवेयर व इजेक्टर पिन से जुड़ी मैन्युफैक्चरिंग लागत कम हो जाती है। सिम ट्रे और इसे खोलने वाले पिन को हटाने से लाखों डिवाइसों पर बड़ा खर्च बचता है। लाखों सिम इजेक्टर पिन की ज़रूरत भी खत्म हो जाएगी। यह बचत बहुत बड़ी है। हालांकि भारतीय यूज़र्स के लिए आईफोन एयर का लॉन्च कुछ और मायने रखता है—उस छोटे प्लास्टिक कार्ड (सिम) के अंत की शुरुआत, जो दशकों से मोबाइल का ज़रूरी हिस्सा था। एप्पल ने इसकी शुरुआत कर दी है। एक विश्लेषक ने निष्कर्ष निकाला: ‘‘हमें कोई वजह नहीं दिखती कि अन्य निर्माता भी इस राह पर न चलें। यह एक अच्छा कदम है।’’

Exit mobile version