Site icon ISCPress

हम हमेशा  NATO को हथियार नहीं बेच सकते: वॉशिंगटन

हम हमेशा  NATO को हथियार नहीं बेच सकते: वॉशिंगटन

वॉशिंगटन से आई एक ताज़ा और राजनीतिक तौर पर संवेदनशील टिप्पणी ने एक बार फिर यूक्रेन युद्ध, नाटो और अमेरिका की रक्षा नीति को बहस के केंद्र में ला दिया है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने मंगलवार तड़के एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका अनिश्चित काल तक नाटो को हथियार और सैन्य उपकरण नहीं बेच सकता। यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब यूक्रेन युद्ध की फंडिंग को लेकर अमेरिकी सरकार पहले से ही घरेलू राजनीतिक दबाव में है।

लेविट ने फ़ॉक्स न्यूज़ से बातचीत में दावा किया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध के लिए अमेरिकी फंडिंग को “रोक दिया” है। उनके अनुसार, अब वॉशिंगटन इस संघर्ष पर इतना ख़र्च नहीं करना चाहता जितना पिछले वर्षों में करता रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अमेरिका अभी भी नाटो को बड़ी मात्रा में सैन्य सहायता भेज रहा है, जिसमें हथियारों और उपकरणों की बिक्री दोनों शामिल हैं। लेकिन उनके मुताबिक यह स्थिति हमेशा के लिए जारी नहीं रह सकती और वॉशिंगटन को अपने हितों, आर्थिक सीमाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं के बीच किसी न किसी बिंदु पर संतुलन बनाना ही होगा।

विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान न केवल एक वित्तीय संकेत है बल्कि विदेश नीति में संभावित बदलाव का संदेश भी हो सकता है। नाटो की सैन्य ज़रूरतों और यूक्रेन की रक्षा क्षमता को लेकर पिछले तीन सालों से अमेरिका सबसे बड़ा सप्लायर और फंडर रहा है। लेकिन ट्रम्प प्रशासन की नई दिशा, घरेलू आर्थिक दबाव और लगातार बढ़ते रक्षा खर्च ने वॉशिंगटन को यह सवाल उठाने पर मजबूर किया है कि क्या यह लंबी रणनीति टिकाऊ है।

इस बयान ने नाटो के सहयोगियों में भी हलचल पैदा की है क्योंकि अमेरिका की सैन्य सप्लाई पर उनकी निर्भरता लंबे समय से एक वास्तविकता रही है। अब यदि वॉशिंगटन अपने बोझ को कम करने की ओर बढ़ता है, तो यूरोपीय देशों को अपनी रक्षा क्षमता को स्वतंत्र रूप से मजबूत करना पड़ेगा। अमेरिका की यह स्पष्ट चेतावनी अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा समीकरणों पर निश्चित ही असर डालेगी, और आने वाले महीनों में यह मुद्दा नाटो देशों के बीच अहम चर्चा का विषय रहने की संभावना है।

Exit mobile version